Thursday, May 09, 2024
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Exclusive: हिजाब पर योगी ने कहा, 'आज स्कूल में मांग रहे हैं, बाद में सिक्यॉरिटी फोर्स में भी मांग सकते हैं'

हिजाब विवाद पर सीएम योगी ने कहा कि न्यायालयों ने इस बारे में बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि कहीं भी हम अपने फोर्स में ऐसे ड्रेस की अनुमति नहीं दे सकते जिससे वह एक समुदाय विशेष का प्रतिनिधित्व करता हो। सही मायने में एक सेक्यूलर स्टेट की भावना को हमें सम्मान देना ही होगा। अनुशासन को तार-तार करने की, अनुशासनहीनता को फैलाने की जरूरत नहीं है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 01, 2022 23:54 IST
Yogi Adityanath- India TV Hindi
Image Source : PTI Yogi Adityanath

गोरखपुर: कर्नाटक में विवादास्पद हिजाब मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे किसी के पहनावे पर कोई आपत्ति नहीं है। चाहे घर में, या बाजार में, या सार्वजनिक स्थानों पर कोई क्या पहन रहा है, उस पर हमें आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है लेकिन मेरा यह मानना है कि देश की व्य़वस्था संविधान से चलती है। बता दें कि यह बात सीएम योगी ने इंडिया टीवी के स्पेशल शो में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए कही। उन्होंने कहा, ''देश का संविधान न हो, तो तीन तलाक़ जैसी कुप्रथा को क्या हम रोक पाते? कभी नहीं इसलिए व्यक्तिगत आस्था सब की हो सकती है लेकिन हम अपनी आस्था को देश पर थोप नहीं सकते।''

सीएम योगी ने आगे कहा, ''हमें आज राष्ट्रधर्म का हर हाल में पालन करना होगा..एक बालिका स्कूल के निर्धारित ड्रेस में ही जाए तो अच्छा होगा, नहीं तो आज एक स्कूल के लिए कह रहे हैं, कल फोर्स (सुरक्षा बल) में इसी बात को कहेंगे। न्यायालयों ने इस बारे में बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि कहीं भी हम अपने फोर्स में ऐसे ड्रेस की अनुमति नहीं दे सकते जिससे वह एक समुदाय विशेष का प्रतिनिधित्व करता हो। सही मायने में एक सेक्यूलर स्टेट की भावना को हमें सम्मान देना ही होगा। अनुशासन को तार-तार करने की, अनुशासनहीनता को फैलाने की जरूरत नहीं है।''

यूपी के चुनाव में उठे बेरोज़गारी के मुद्दे पर योगी ने कहा, ''मैं सहमत हूं। हमारे पांच में से तीन साल ईमानदारी से शासन करने में लगे। दो साल हमारे कोविड प्रबंधन में लग गए। इन पांच वर्षों में जितनी भी सरकारी नौकरियां दी गई, पारदर्शी तरीके से दी गई। हमने 5 लाख से ज्यादा नौजवानों को सरकारी नौकरी दी..2003 से 2017 तक सपा, बसपा शासन के दौरान जितनी सरकारी नौकरियां दी गई थी, उससे ज्यादा नौकरियां हमने दी। अभी हम इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बना रहे हैं। नॉन-गोजेटेड ग्रुप सी और डी में हमने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कराये जिसमें 25 लाख बच्चों ने परीक्षा दी, अभी परिणाम जल्द आ सकते हैं।''

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