हिजाब को लेकर सबसे पहले राजस्थान में जयपुर की हवामहल सीट से भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य ने सवाल उठाया था। वहीं, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी कहा है कि हिजाब के ख़िलाफ भजन लाल सरकार एक्शन लेगी।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि उनकी सरकार पिछली भाजपा सरकार के फैसले को वापस ले लेगी। उन्होंने कहा है कि राज्य में अब हिजाब पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
बिहार के शेखपुरा में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने शिकायत दी है कि कुछ ग्रामीणों ने उन्हें और शिक्षकों को सर तन से जुदा करने की धमकी दी है। ऐसे में शिक्षकों ने सामूहिक ट्रांसफर की मांग की है।
जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशीद ने हिजाब को लेकर कहा है कि एक लड़की खुद तय कर सकती है कि उसे हिजाब पहनना चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि वह भी स्वतंत्र हैं, यह फैसला लड़कियों पर ही छोड़ दें।
कर्नाटक परीक्षा अथॉरिटी ने आज हिजाब को लेकर जारी अटकलों के बीच यह स्पष्ट किया कि हिजाब पहनकर परीक्षा देने की इजाजत है। इससे पहले हिजाब विवाद पर सियासत गरमा गई थी।
ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चर्चा में आई महसा अमीनी भले ही इस दुनिया में अब नहीं रही हों, लेकिन वह मुस्लिम महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ने का सलीका सिखा गईं। हिजाब के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाने वाली अमीनी को अब मरणोपरांत मानवाधिकार के बड़े पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
ईरान में हिजाब मामले पर फिर विरोध प्रदर्शन की चिंगारी भड़क सकती है। ताजा मामले में पुलिस ने एक 16 साल की लड़की की इसलिए पिटाई की, क्योंकि उसने हिजाब नहीं पहना था। इस पिटाई के चलते लड़की कोमा में चली गई है। सोशल मीडिया में इस बात की काफी चर्चा है।
इस मामले में भारी हंगामे के बीच स्कूल ने कहा है कि मैनेजमेंट को इस वर्कशॉप में धार्मिक रीति-रिवाज के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। विरोध होने पर स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है।
मुंबई के चेम्बूर इलाके के एनजी आचार्य एंड मराठे स्कूल और कॉलेज का है, जहां मुस्लिम बच्चियों के स्कूल कैंपस में बुर्का या हिजाब की मनाही के फरमान के बाद विवाद खड़ा हो गया है। आलम यह है कि स्कूल के बाहर पुलिस को सुरक्षा बढ़ानी पड़ी है।
हैदराबाद के एक कॉलेज में बुर्का पहनकर पहुंची छात्राओं को एग्जाम में शामिल होने के लिए प्रवेश नहीं दिया गया। छात्राओं का कहना है कि बुर्का उतारने के बाद ही एग्जाम में बैठने दिया गया।
ईरान ने हिजाब को लेकर बीते वर्ष सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के जुर्म में फिर 3 आंदोलनकारियों को फांसी पर लटका दिया है। इससे पहले भी कई प्रदर्शनकारियों को ईरान की सरकार फांसी दे चुकी है।
ईरान में हिजाब नहीं पहनने पर एक मां बेटी पर शख्स ने हमला कर दिया। मां बेटी एक दुकान में खरीदारी करने गई थी। इस दौरान दोनों ने हिजाब नहीं पहना था। लिहाजा वहां मौजूद एक शख्स ने मां बेटी के सिर पर दही डाल दिया। इसके बाद पुलिस ने मां-बेटी को भी गिरफ्तार भी कर लिया।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा की दलीलों का संज्ञान लिया कि राज्य में 6 फरवरी से कुछ कक्षाओं के लिए निर्धारित प्रैक्टिकल परीक्षाओं के मद्देनजर एक अंतरिम आदेश पारित करने की आवश्यकता है।
पूर्व रक्षा अधिकारी को फांसी कब दी गई इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। हालांकि, कहा जा रहा है कि उन्हें कुछ दिन पहले फांसी दी गई। ब्रिटेन की एमआई-6 खुफिया एजेंसी का जासूस होने का सबूत पेश किए बिना ईरान ने अकबरी पर जासूसी का आरोप लगाया था। ईरान ने अकबरी का एक अत्यधिक संपादित वीडियो प्रसारित किया।
Iran Again Hanged 3 Protesters: ईरान में खुले आम मानवता का गला घोटा जा रहा है और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाएं भी चुप्पी साधे हैं। सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को ईरान लगातार मौत के घाट उतार रहा है। ताजा मामले में ईरान की सरकार ने फिर 3 प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा दी है।
बेहमन को 19 अक्टूबर को एक साक्षात्कार के बाद गिरफ्तार किया गया था जो उन्होंने चैनल 13 को दिया था, जिसमें उन्होंने सितंबर में महसा अमिनी की मौत के बाद देश में विरोध प्रदर्शनों के बारे में इस्लामी शासन की आलोचना की थी।
Year Ender 2022: इस साल बहुत सी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनके बारे में शायद ही किसी ने कल्पना की हो। ईरान से लेकर ब्रिटेन जैसे देश तक इसमें शामिल हैं।
Protester Hanged in Iran: ईरान में प्रदर्शनकारियों पर जुर्म की हर हदें पार की जा रही हैं। सरकार ने सोमवार को एक और व्यक्ति को खुलेआम बीच सड़क क्रेन पर लटका कर फांसी दे दी। व्यक्ति का जुर्म सिर्फ इतना था कि उसने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया था। ईरान में पिछले एक हफ्ते में यह दूसरा मामला है।
Protest in Iran:संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार कार्यकर्ता ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान किये गये एक कथित अपराध को लेकर ईरान द्वारा दोषी व्यक्ति को पहली बार मौत की सजा दिया जाना बहुत परेशन करने वाला है।
तमाम क्रूरता के बावजूद ईरानी महिलाओं ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। आखिर में ईरान सरकार को झुकना ही पड़ा। अब ईरान सरकार ने मोरैलिटी पुलिस को ही सस्पेंड कर दिया है।
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