Saturday, July 12, 2025
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खत्म हुआ फ्यूल, जैसे-तैसे क्रैश होने से बचा था प्लेन, अजय देवगन-अमिताभ की रियल लाइफ बेस्ड फिल्म खड़े कर देगी रोंगटे

29 अप्रैल 2024 को अजय देवगन और अमिताभ बच्चन स्टारर शानदार फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म में एक विमान हादसे की असल घटना को दिखाया गया था। फिल्म की कहानी कैसी थी और इस फिल्म को कहां देख सकते हैं, जानें।

Written By: Jaya Dwivedie @JDwivedie
Published : Jun 12, 2025 17:39 IST, Updated : Jun 12, 2025 17:39 IST
runway 34
Image Source : INSTAGRAM अजय देवगन और अमिताभ बच्चन।

कल्पना कीजिए, आसमान में 35000 फीट की ऊंचाई पर एक विमान हवा से बातें कर रहा है। अंदर 150 से ज्यादा जिंदगियां सांसें रोके बैठी हैं। बाहर गड़गड़ाती बिजली, तूफानी बारिश और जमीन तक नजर भी नहीं आ रही। पायलट की एक गलती, और सब खत्म, लेकिन इस बार कॉकपिट में बैठा है कैप्टन विक्रांत खन्ना, एक ऐसा अनुभवी पायलट, जिसे अपने हुनर पर नाज है और शायद थोड़ा ज्यादा यकीन भी। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि 2015 की सच्चाई है, जिसे निर्देशक और अभिनेता अजय देवगन ने ‘रनवे 34’ के रूप में बड़े पर्दे पर उतारा है।

जब लैंडिंग बनी जंग

फिल्म की शुरुआत होती है एक डोमेस्टिक फ्लाइट से, जो दुबई से कोच्चि जा रही होती है, लेकिन कोच्चि में मौसम का मिजाज कुछ ऐसा बिगड़ता है कि वहां लैंडिंग मुमकिन नहीं रहती। फैसला लेना होता है, पायलट विक्रांत खन्ना (अजय देवगन) और उनकी सह-पायलट तान्या (रकुल प्रीत सिंह) तय करते हैं कि विमान को त्रिवेंद्रम डायवर्ट किया जाए, लेकिन किस्मत यहां भी साथ नहीं देती, त्रिवेंद्रम भी घने कोहरे की चादर में लिपटा है। अब हालात गंभीर हो जाते हैं। फ्यूल खत्म होने की कगार पर है। पायलट मे डे (Mayday) का ऐलान करता है। इसके बाद शुरू होता है थ्रिल का असली खेल, छह बार चक्कर, हर बार उम्मीद और डर के बीच की रेखा और सातवें प्रयास में एक ब्लाइंड लैंडिंग और आखिर में सभी को बचा लिया जाता है।

जहां फिल्म छूती है हकीकत

यह कहानी महज एक फिल्म नहीं, बल्कि 18 अगस्त 2015 की असली घटना पर आधारित है। जेट एयरवेज की फ्लाइट 9W 555 दोहा से कोच्चि जा रही थी, लेकिन कोच्चि और फिर त्रिवेंद्रम में भी खराब मौसम के चलते हालात बिगड़ गए थे। आखिरकार सातवें प्रयास में विमान को सुरक्षित लैंड कराया गया, लेकिन यह भारतीय एविएशन के इतिहास में एक सबसे गंभीर सुरक्षा घटनाओं में दर्ज हो गया।

कोर्टरूम का क्लाइमेक्स

फिल्म में कैप्टन विक्रांत के साहसिक फैसलों पर सवाल खड़े किए जाते हैं और इन सवालों को सामने रखते हैं खुद नारायण वेदांत (अमिताभ बच्चन), एक तेजतर्रार जांच अधिकारी, जो सच्चाई और जिम्मेदारी के बीच की पतली रेखा पर न्याय की तलाश करता है। बिग बी के शब्द लोगों के कानों में गूंजने वाले हैं, 'हर कोई गलती करता है, लेकिन अपनी गलती मानना असली चरित्र की निशानी है।' तान्या के किरदार में रकुल प्रीत सिंह ने न सिर्फ सह-पायलट की भूमिका निभाई है, बल्कि वह उस उड़ान की चश्मदीद गवाह भी हैं। कैप्टन के फैसलों की जिम्मेदारी और सच के बीच उनका संघर्ष फिल्म की संवेदनाओं को और गहराई देता है। इस फिल्म को आप प्राइम वीडियो और अमेजन एमएक्स प्लेयर पर देख सकते हैं।

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