Explainer: अमरनाथ यात्रा के कितने रूट हैं? ट्रैवल किट में क्या-क्या होना चाहिए? पूरी जानकारी
Explainer: अमरनाथ यात्रा के कितने रूट हैं? ट्रैवल किट में क्या-क्या होना चाहिए? पूरी जानकारी
अमरनाथ यात्रा भगवान शिव के रूप 'बाबा बर्फानी' के दर्शन के लिए की जाने वाली एक पवित्र तीर्थयात्रा है। इस कठिन तीर्थयात्रा में श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव प्राप्त होता है।
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अमरनाथ की गुफा में 'बाबा बर्फानी'।
Amarnath Yatra: इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है और यह 9 अगस्त तक जारी रहेगी। अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म की सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण तीर्थयात्राओं में से एक है। यह यात्रा जम्मू-कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा तक की जाती है, जहां भक्त प्राकृतिक रूप से बर्फ से बने शिवलिंग, जिन्हें ‘बाबा बर्फानी’ कहा जाता है, का दर्शन करते हैं। आज हम आपको अमरनाथ यात्रा के के महत्व से लेकर इसकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और यात्रा के रूट कौन-कौन से हैं जैसी जरूरी जानकारी देंगे।
अमरनाथ गुफा मंदिर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले की पहलगाम तहसील में समुद्र तल से 3,888 मीटर (12,756 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह गुफा भगवान शिव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, जहां हर साल आषाढ़ पूर्णिमा से श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) तक लाखों भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आते हैं। गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग चंद्रमा की कलाओं के साथ बढ़ता और घटता है, जो इसे और भी चमत्कारी बनाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस गुफा में माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य (अमर कथा) सुनाया था, जिसे सुनकर जीव अमर हो जाता है।
रजिस्ट्रेशन कैसे होता है और यह क्यों जरूरी है?
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, क्योंकि बिना परमिट के किसी को भी गुफा तक जाने की अनुमति नहीं दी जाती। यह प्रक्रिया श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) द्वारा नियंत्रित की जाती है। रजिस्ट्रेशन निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट (jksasb.nic.in) पर जाएं।
"Online Services" सेक्शन में "Yatra Permit Registration" पर क्लिक करें।
यात्रा का मार्ग (पहलगाम या बालटाल) और तारीख चुनें।
आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, फोटो, और मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट की डिजिटल कॉपी अपलोड करें।
रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करें और परमिट डाउनलोड करें।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन
देशभर में अधिकृत बैंकों (जैसे जम्मू-कश्मीर बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, और यस बैंक) की 540 से अधिक शाखाओं में रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।
आवेदन पत्र, मेडिकल सर्टिफिकेट, और पहचान पत्र (आधार, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि) जमा करें।
ग्रुप रजिस्ट्रेशन के लिए ग्रुप लीडर का नाम, मोबाइल नंबर, और ईमेल दर्ज करें।
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अमरनाथ यात्रा के लिए भक्तों का जोश देखते बनता है।
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है?
सुरक्षा और व्यवस्था: रजिस्ट्रेशन से श्राइन बोर्ड को यात्रियों की संख्या और उनकी जानकारी मिलती है, जिससे सुरक्षा और प्रबंधन आसान होता है।
स्वास्थ्य जांच: मेडिकल सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि यात्री ऊंचाई और कठिन रास्तों के लिए शारीरिक रूप से फिट हैं।
सीमित कोटा: यात्रा के लिए रोजाना सीमित परमिट जारी किए जाते हैं, इसलिए पहले से रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
उम्र और स्वास्थ्य प्रतिबंध: 13 वर्ष से कम और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, साथ ही 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाएं यात्रा के लिए पात्र नहीं हैं।
यात्रा के दौरान क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
अमरनाथ यात्रा एक कठिन और उच्च ऊंचाई वाली तीर्थयात्रा है, इसलिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी जरूरी हैं:
शारीरिक तैयारी: यात्रा से पहले कम से कम 4-6 सप्ताह तक नियमित व्यायाम करें, जैसे पैदल चलना, योग, या सांस लेने के व्यायाम, ताकि शरीर ऊंचाई और ठंड के लिए तैयार हो।
मौसम का ध्यान: जुलाई-अगस्त में मौसम अप्रत्याशित हो सकता है। बारिश, बर्फबारी, और ठंड के लिए तैयार रहें।
निर्धारित रास्तों का पालन: केवल अधिकृत मार्ग (पहलगाम या बालटाल) का उपयोग करें और रास्ते से न भटकें।
समय का पालन: रूट पर कुछ स्थानों पर जाने-आने का समय निर्धारित होता है। इसका सख्ती से पालन करें।
सुरक्षा मानदंड: डिजिटल पहचान पत्र साथ रखें और सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें। ड्रोन उड़ाने की सख्त मनाही है।
स्वास्थ्य सावधानी: ऑक्सीजन की कमी से बचने के लिए धीरे-धीरे चलें और पर्याप्त पानी पिएं। ऊंचाई पर सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, इसलिए ऑक्सीजन सिलेंडर साथ रखने की सलाह दी जाती है।
पर्यावरण का सम्मान: गुफा और रास्ते में कूड़ा न फैलाएं। प्लास्टिक का उपयोग कम करें।
घोड़ों और पालकी से सावधानी: रास्ते पर घोड़ों और पालकियों की भीड़ हो सकती है। उनके पास से गुजरते समय सतर्क रहें।
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अमरनाथ यात्रा के लिए आपको छोटा गैस सिलेंडर ले जाने की सलाह दी जाती है।
अमरनाथ यात्रा किट में क्या-क्या होने चाहिए?
अमरनाथ यात्रा के लिए एक अच्छी तरह से तैयार किट जरूरी है। इसमें निम्नलिखित चीजें शामिल कर सकते हैं:
कपड़े: गर्म कपड़े (जैकेट, स्वेटर, थर्मल इनर, दस्ताने, मोजे), बारिश से बचने के लिए रेनकोट, और आरामदायक ट्रेकिंग जूते।
दवाइयां: ऑल्टिट्यूड सिकनेस (ऊंचे स्थानों पर होने वाली परेशानी) के लिए दवाएं, दर्द निवारक, बैंड-एड, एंटीसेप्टिक क्रीम, और व्यक्तिगत दवाएं।
खाने-पीने की चीजें: हल्के और ऊर्जा देने वाले स्नैक्स जैसे ड्राई फ्रूट्स, चॉकलेट, एनर्जी बार, और ग्लूकोज।
अन्य जरूरी सामान: टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, पावर बैंक, सनस्क्रीन, वैसलीन (ठंडी हवाओं से त्वचा की सुरक्षा के लिए), पानी की बोतल, और छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर।
सर्टिफिकेट्स: रजिस्ट्रेशन परमिट, मेडिकल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, और अन्य पहचान पत्र की फोटोकॉपी।
बैग: एक मजबूत और वाटरप्रूफ बैकपैक।
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अमरनाथ यात्रा के दौरान आपको खूबसूरत नजारे देखने को मिल सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा के कितने रूट हैं? हर रूट में कितने पड़ाव हैं?
अमरनाथ यात्रा 2 मुख्य मार्गों से की जाती है: पहलगाम मार्ग और बालटाल मार्ग। दोनों के पड़ाव और विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. पहलगाम मार्ग (48 किमी, 3-5 दिन)
यह पारंपरिक और लंबा मार्ग है, जो अपेक्षाकृत कम कठिन है। यह प्रकृति की खूबसूरती से भरा हुआ है और इसमें निम्नलिखित पड़ाव हैं:
पहलगाम: यात्रा का बेस कैंप, श्रीनगर से 92 किमी दूर। यहां से पैदल यात्रा शुरू होती है।
चंदनवाड़ी (16 किमी): पहला पड़ाव, जहां रात बिताई जा सकती है। रास्ता लिद्दर नदी के किनारे है।
पिस्सू टॉप (3 किमी): खड़ी चढ़ाई वाला पड़ाव, जो पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं और राक्षसों के युद्ध का स्थल है।
शेषनाग (9 किमी): खूबसूरत झील के किनारे दूसरा पड़ाव। यह समुद्र तल से 3,454 मीटर ऊंचा है।
पंचतरणी (14 किमी): अमरावती और पंचतरणी नदियों का संगम।
अमरनाथ गुफा (6 किमी): अंतिम पड़ाव, जहां बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं।
2. बालटाल मार्ग (14 किमी, 1-2 दिन)
यह छोटा लेकिन कठिन मार्ग है, जिसमें खड़ी चढ़ाई और संकरे रास्ते हैं। यह बुजुर्गों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसमें निम्नलिखित पड़ाव हैं:
बालटाल: आधार शिविर, श्रीनगर से 93 किमी दूर, सोनमर्ग के पास।
डोमेल (2 किमी): पहला पड़ाव।
बरारी (5 किमी): दूसरा पड़ाव।
संगम (4 किमी): जहां दोनों मार्ग मिलते हैं।
अमरनाथ गुफा (3 किमी): अंतिम गंतव्य।
आत्मिक शांति और सुख प्रदान करने वाली यात्रा
अमरनाथ यात्रा एक अनूठा अनुभव है, जो भक्ति, साहस, और प्रकृति के सौंदर्य का मिश्रण है। यह न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह एक ऐसी यात्रा है जो आत्मिक शांति और सुख प्रदान करती है। उचित तैयारी, सावधानियों का पालन, और सही किट के साथ यह यात्रा जीवन का अविस्मरणीय हिस्सा बन सकती है। अगर आप भी बाबा बर्फानी के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो समय से रजिस्ट्रेशन करवाएं, आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें, और इस पवित्र यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएं।
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