Monday, May 13, 2024
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Explainer: नेपाल में भारत-अमेरिका के प्रभाव से घबराए जिनपिंग, भेजे प्रतिनिधि, दे रहे पैसे का लालच, जानें क्या हैं पूरे समीकरण?

नेपाल में भारत विकास के लगातार काम कर रहा है। वहीं अमेरिकी अधिका​री भी नेपाल के विकास में सपोर्ट कर रहे हैं। इससे अलग, छोटे देशों को कर्ज के जाल में फंसाने की कूटनीति करने वाला चीन अब नेपाल को धन का लालच दे रहा है। एक बड़ा दल जिनपिंग ने नेपाल भेजा है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: July 27, 2023 16:26 IST
नेपाल के पीमए पुष्पकमल दहल प्रचंड और चीन के राष्ट्रपति ​शी जिनपिंग।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV नेपाल के पीमए पुष्पकमल दहल प्रचंड और चीन के राष्ट्रपति ​शी जिनपिंग।

Nepal-China: भारत के पड़ोसी देश नेपाल पर चीन लगातार डोरे डाल रहा है। पहले बेल्ट एंड रोड ​इनिशिएटिव यानी बीआरआई को लेकर दबाव बनाया। लेकिन बीआरआई को लेकर नेपाल और चीन के बीच विवाद है। उधर, पिछले दिनों अचानक अमेरिकी प्रतिनिधि ने नेपाल की यात्रा की। भारत भी लगातार नेपाल को पड़ोसी धर्म निभाने की बात कहता रहा है। हाल के समय में नेपाल के पीएम पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' ने भारत की यात्रा की थी। वहीं भारतीय विदेश विभाग भी लगातार नेपाल के संपर्क में रहा है। इससे चीन घबरा गया है। अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नेपाल के साथ अपने संबंधों को गति देने और बीआरआई विवाद के बीच अपना प्रतिनिधि नेपाल भेजा है। चीन नेपाल को आर्थिक मदद का लालच भी दे रहा है। 

नेपाल में भारत ने अपनी विकास योजनाओं को बढ़ाना शुरू कर दिया है। वहीं नेपाल में अमेरिका का एमसीसी प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है। ऐसे में चीन अब अपने प्रतिनिधि नेपाल भेज रहा है। इसके तहत चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बेहद करीबी और कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के पोलित ब्‍यूरो के सदस्‍य यूआन जिआजून नेपाल के दौरे पर पहुंचे। उन्‍होंने 14 करोड़ 50 लाख नेपाली रुपये की मदद का ऐलान किया।

चीन नेता युआन के साथ 26 सदस्यों वाला दल नेपाल पहुंचा

चीन ने यह धनराशि नेपाल के सभी 7 प्रांतों में खेती में सुधार के नाम पर दी है। चीनी नेता यूआन ने नेपाली संसद के स्‍पीकर देवराज घिमिरे से मुलाकात के दौरान यह ऐलान किया। इससे पहले रविवार को यूआन 3 दिन की यात्रा पर नेपाल पहुंचे थे। उनके साथ 26 सदस्‍यीय बड़ा दल भी नेपाल पहुंचा है। चीनी नेता ने स्‍पीकर के अलावा डिप्टी पीएम तथा गृहमंत्री नारायणकाजी श्रेष्‍ठ और सीपीएन-यूएमएल के नेता केपी शर्मा ओली से मुलाकात की। 

चीन ने की थी ओली और प्रचंड को साथ लाने की कोशिश

ओली और चीन के बीच बहुत करीबी संबंध रहे हैं और चुनाव में चीन ने कोशिश की थी कि प्रचंड और ओली एक साथ आ जाएं लेकिन उसकी यह मुराद पूरी नहीं हो सकी थी। चीन ने नेपाल में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए बेल्‍ट एंड रोड परियोजना के नाम पर अरबों डॉलर के आधारभूत ढांचा प्रोजेक्‍ट शुरू किए हैं। इससे नेपाल के अब चीन के कर्जजाल में फंसने का खतरा पैदा हो गया है। इससे पहले चीन ने यही खेल भारत के दो अन्‍य पड़ोसी देशों श्रीलंका और पाकिस्‍तान के साथ भी किया था। 

गरीब देशों को कर्ज के जाल में फंसाने की कूटनीति

चीन की कूटनीति रही है कि वह चाहे नेपाल हो, बांग्लादेश, श्रीलंका हो या फिर अफ्रीकी देश। चीन ऐसे गरीब देशों को कर्ज के जाल में फंसाने की कूटनीति का खेल खेलता है। कुछ देश चीन के कर्ज के जाल में फंसे डिफॉल्‍ट हो चुके हैं, वहीं पाकिस्‍तानी अर्थव्‍यवस्‍था भी अपनी अंतिम सांसें गिन रही है। काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक यूआन को चीन के भविष्‍य के नेता के तौर पर देखा जा रहा है।

यूआन ने बीआरआई प्रोजेक्ट पर नहीं की बात

इस यात्रा के दौरान यूआन ने नेपाल के अंदर शी जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट बेल्‍ट एंड रोड या बीआरआई को लेकर कोई बात नहीं की। यूआन ने कहा कि वह चीनी राष्‍ट्रपति के निर्देश पर श्रीलंका और अब नेपाल की यात्रा पर आए हैं। दोनों नेताओं के बीच बयान में बीआरआई का जिक्र नहीं होना हैरान करने वाला है। हाल के दिनों में चीन जबरन बीआरआई प्रोजेक्‍ट को नेपाल पर थोप रहा है।

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