Saturday, May 04, 2024
Advertisement

'अबतक 141...आगे होगा क्या?' मतदान से लेकर दैनिक भत्ते तक, जानें सांसदों के निलंबन का क्या मतलब है?

संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामा करने वाले 141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है, जिनमें लोकसभा के 95 और राज्यसभा के 46 सांसद शामिल हैं। क्यों और कैसे सांसदों को निलंबित किया जाता है और उनपर क्या-क्या पाबंदियां लगाई जाती हैं-जानिए सबकुछ।

Kajal Kumari Written By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: December 20, 2023 10:27 IST
mps suspend - India TV Hindi
Image Source : PTI अबतक 141 सांसद किए गए निलंबित

दिल्ली: संसद में टकराव मंगलवार को तब और बढ़ गया जब 49 और लोकसभा सांसदों को कार्यवाही में बाधा डालने के लिए निलंबित कर दिया गया, इसके एक दिन बाद दोनों सदनों से 78 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया, जिससे निचले सदन में विपक्ष की ताकत दो-तिहाई कम हो गई है। संसद में तीन आपराधिक कानून विधेयकों सहित कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर बहस के दौरान सांसदों पर कार्रवाई की गई है।  मौजूदा सत्र में अब तक 141 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। सोमवार को 33 लोकसभा सांसदों और 45 राज्यसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले 14 दिसंबर को 13 लोकसभा सांसदों और एक राज्यसभा सांसद को निलंबित कर दिया गया था।

सांसदों के निलंबन के बाद उपजे विवाद की जड़ विपक्ष की मांग रही कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसपर संसद में बोलें और 13 दिसंबर के सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा करें, जब दो लोग लोकसभा में घुस गए और सदन के फर्श पर धुआं फेंक दिया। विवाद के बाद इनमें कुछ सांसदों को संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है तो कुछ को प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। सांसदों को नियम 256 के तहत सस्पेंड किया गया है। 

सांसदों को कौन करता है निलंबित

लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के स्पीकर सांसदों के निलंबन प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। लोकसभा अध्यक्ष संचालन नियमों के नियम 373, 374 और 374ए के अनुसार फैसला करते हैं तो वहीं राज्यसभा में सभापति नियमावली के नियम 255 और 256 के अनुसार कार्रवाई कर सकते हैं। दोनों सदनों के निलंबन की प्रक्रिया काफी हद तक एक समान है। दोनों सदन में यदि सभापति को लगता है कि किसी सदस्य का व्यवहार घोर अव्यवस्थापूर्ण है तो वो उसे राज्यसभा से चले जाने का निर्देश दे सकते हैं। नियम 374 के तहत यदि लोकसभा स्पीकर को लगता है कि कोई सदस्य बार-बार सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहा है तो उसे बाकी बचे सेशन के लिए सस्पेंड कर सकता है।

1989 में हुआ था सबसे बड़ा निलंबन

चाहे कोई भी पार्टी या गठबंधन विपक्ष में हो, संसद के अंदर सांसदों द्वारा हंगामा करने की पुरानी परंपरा है। अबतक के संसदीय इतिहास में लोकसभा में सबसे बड़ा निलंबन साल 1989 में हुआ था, जब सांसद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट को संसद में रखे जाने पर सांसदों ने हंगामा किया था। तब अध्यक्ष ने 63 सांसदों को एक साथ निलंबित कर दिया था। निलंबित सदस्यों के साथ अन्य चार सांसद भी सदन से बाहर चले गए थे।

सांसदों का निलंबन वापस हो सकता है?

अगर सांसदों को निलंबित किया गया है तो उनका निलंबन वापस हो सकता है तो इस सवाल का जवाब है- हां, लेकिन ये भी राज्यसभा के सभापति की मर्जी पर निर्भर करता है। निलंबित सदस्यों के माफी मांगने पर भी इसे वापस लिया जा सकता है। दूसरा तरीका ये है कि सांसदों के संस्पेंशन के खिलाफ प्रस्ताव भी सदन में लाया जा सकता है और अगर ये पास हो गया तो निलंबन खुद ब खुद हट जाता है।

दूसरा प्रश्न ये है कि क्या निलंबन के खिलाफ कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है? इसका जवाब है- नहीं, इस निलंबन को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती, क्योंकि ये मामला संसद के अनुशासन से संबंधित होता है और ये न्यायालय के कार्यक्षेत्र में नहीं आता है।

निलंबित सदस्यों पर कई पाबंदियां लगीं, जानें क्या-क्या

- लोकसभा सचिवालय ने निलंबित सांसदों के लिए एक परिपत्र जारी किया है, जिनमें सासंदों को किन-किन चीजों पर पाबंदी रहेगी, उनका जिक्र किया गया है।

- निलंबित सांसदों को चालू सत्र की अवधि के दौरान उनके द्वारा दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार नहीं किया जाएगा।

- वे अपने निलंबन की अवधि के दौरान होने वाले समितियों के चुनावों में मतदान नहीं कर सकेंगे।

- यदि शेष सत्र के लिए सदन की सेवा से उन्हें निलंबित कर दिया जाता है, तो वे निलंबन की अवधि के लिए दैनिक भत्ते के हकदार भी नहीं हैं, क्योंकि ड्यूटी के स्थान पर उनके रहने को धारा 2 (डी) के तहत 'ड्यूटी पर निवास' नहीं माना जा सकता है।

- निलंबित सांसद चैंबर, लॉबी और गैलरी में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

- उन्हें संसदीय समितियों की बैठकों से भी निलंबित कर दिया गया है। ऐसे में उनके नाम पर व्यवसाय की सूची में कोई आइटम भी नहीं रखा गया है। इसमें कहा गया है, "यदि सत्र के शेष समय के लिए कोई सांसद सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाता है तो वे निलंबन की अवधि के लिए दैनिक भत्ते के हकदार नहीं हैं।"

- समय-समय पर संशोधित संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 की धारा 2 (डी) के तहत ड्यूटी के स्थान पर उनके रहने को ड्यूटी पर निवास के रूप में नहीं माना जा सकता है।

इन सांसदों को किया गया है निलंबित

मंगलवार को निलंबित किए गए सांसदों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता शशि थरूर, मनीष तिवारी और कार्ति चिदंबरम, समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव, एनसीपी की सुप्रिया सुले, डीएमके के एस जगतरक्षकन और डीएनवी सेंथिल कुमार, जेडी (यू) के गिरिधारी यादव शामिल हैं। साथ ही बसपा के दानिश अली, आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार रिंकू सहित कुल 141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

सांसदों के हंगामा करने की वजह

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विरोध कर रहे सदस्यों पर हालिया विधानसभा चुनाव परिणामों से ''निराश'' होने का आरोप लगाया। दरअसल, इंडिया ब्लॉक के सांसद संसद में सुरक्षा उल्लंघन मामले  पर गृह मंत्री अमित शाह से संसद में बयान देने की मांग कर रहे थे। वे अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे और लगातार नारेबाजी कर रहे थे। सांसदों ने पीएम मोदी की मॉर्फ्ड फोटो वाली तख्तियां भी दिखा रहे थे। सांसदों के इस आचरण पर अध्यक्ष ने कहा कि, वे अपनी हार से हताश हैं इसलिए ऐसे कदम उठा रहे हैं। अगर यही व्यवहार जारी रहा तो ये लोग अगली बार भी सदन में वापस नहीं आएंगे।''

खरगे ने लगाया सत्तापक्ष पर आरोप

सांसदों पर निलंबन की कार्रवाई पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार नहीं चाहती कि लोग विपक्ष की बात सुनें और इसलिए उन्होंने ''निलंबित करो, बाहर करो और बुलडोजर'' की नीति अपनाई है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "141 विपक्षी सांसदों का निलंबन हमारे आरोप को मजबूत करता है कि एक निरंकुश भाजपा इस देश में लोकतंत्र को ध्वस्त करना चाहती है।"

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement