यूरोप में रूस-यूक्रेन संघर्ष को 2 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन इसके बावजूद अभी तक शांति की संभावना नजर नहीं आ रही है। 24 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूस ने दक्षिण के अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर बड़े स्तर पर सैन्य हमला शुरू कर दिया। रूस ने अपने हमले में यूक्रेन के समूचे सैन्य बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया। साथ ही रूसी सेना सभी संभव दिशाओं से यूक्रेन में घुसी।
इसके बाद राजधानी कीव की ओर रूस की सेना बढ़ी। राजधानी को चारों ओर से घेर लिया गया। लेकिन कई दिनों तक कोशिशों के बाद भी कीव के आसपास ही सेना और टैंक पहुंच पाए।
यूक्रेन ने पूरी ताकत दिखाते हुए तुर्की के आधुनिक ड्रोन की सहायता से रशियन टैंकों को निशाना बनाया। बीच बीच में रूसी हेलिकॉप्टर्स को भी यूक्रेन की सेना ने निशाना बनाया और नष्ट किया।
जंग में रूस कहीं अधिक भारी पड़ा है। उसने यूक्रेन के कइ शहरों को तबाह दिया। लेकिन मौका पाते ही कई शहरों पर यूक्रेन ने वापस कब्जा जमा लिया। एक समय तो ऐसा आया, जब यूक्रेन की आम जनता ने भी हथियार उठा लिए थे।
जंग के सातवें दिन यूक्रेन के आंतरिक इलाकों में रूस की सेना भारी तबाही मचाई। रूस की मिसाइल खारकीव पुलिस हेडक्वार्टर पर गिरी जिससे इमारत में आग लग गई।
रूस ने खारकीव की रिहाइशी इमारत पर भी बम गिराया जिससे पूरी बिल्डिंग तबाह हो गई।
रूस की मिसाइलों से यूक्रेन लगभग तबाह हो चुका है। मिसाइल हमलों में हजारों लोगों की जान गई तो वहीं कई घायल भी हुए हैं।
कीव के टीवी टॉवर पर रूसी सेना ने ताबड़तोड़ हमला कर दिया था। इस हमले में यूक्रेन के 5 लोगों की मौत हुई थी।
रूस की मिसाइलों से यूक्रेन लगभग तबाह हो चुका है। मिसाइल हमलों में हजारों लोगों की जान गई तो वहीं कई घायल भी हुए हैं।
यूक्रेन में रूसी सैनिक लगातार हमला कर रहे हैं। इस बीच एक हैरान करने वाली तस्वीर आई। यूक्रेन में एक शख्स हमले का वीडियो शूट कर रहा था इसी दौरान रूसी टैंक ने उस पर फायर कर दिया।
कीव पर कब्जे की जंग निर्णायक मोड़ पर आ गई थी। 64 किलोमीटर लंबा रूसी सैन्य काफिला कीव के बाहर कब्जा जमाए हुए था। यह सब तब हो रहा था, जब पुतिन की ओर से कीव छोड़ने या फिर मरने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई।
यूक्रेन में बनी स्थिति को देखते हुए ब़ड़ी संख्या में लोगों का पलायन हुआ। लाखों लोगों ने यूरोपीय संघ के देशों या फिर किसी और देश में शरण ली हैं।
अप्रैल माह के अंत में जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस रूस और यूक्रेन के दौरे पर पहुंचे, तब दौरे के बीच भी रूस ने गुरुवार को कीव समेत यूक्रेन के एक बड़े हिस्से पर बमबारी की। इससे यह संदेश देने की कोशिश की कि वह जंग टालेन के मूड में नहीं है।
रूस की सेना ने यूक्रेन के कई इलाकों में बमबारी की ऐसे में न केवल यूक्रेन के लोगों की जान जा रही है बल्कि दूसरे देशों के भी कई नागरिक बमबारी का शिकार हो रहे हैं। रूस की कार्रवाई में एक भारतीय छात्र की भी मौत हो गई।
यूक्रेन की सेना ने शुरुआती छह दिनों में ही 6 हजार से ज्यादा रूसी सैनिकों को मार गिराया था।
दुनियाभर के देशों को यूक्रेन यह कहता रहा कि पुतिन को युद्धविराम के लिए रोका जाए। लेकिन पुतिन की सेना यूक्रेन पर लगातार हमला करती रही।
आज का दिन, यूक्रेन युद्ध के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। आज रूस दूसरे विश्व युद्ध में जीत का जश्न मनाने जा रहा है। इस मौक़े पर मॉस्को में विक्ट्री डे परेड होगी। प्रेसिडेंट पुतिन इस परेड की सलामी लेंगे। माना जा रहा है कि इस मौक़े पर पुतिन कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
इस समय पूर्वी यूक्रेन के डोनबास रीजन में रशियन आर्मी का ज़बरदस्त जमावड़ा है। रशिया ने यूक्रेन के मारियूपोल शहर को चारों तरफ़ से घेर रखा है। मारियूपोल शहर वीरान हो चुका है, भगदड़ मची हुई है। रविवार को शहर से आखिरी आम नागरिक निकाल लिए गए।
इस समय रशिया ने अपना पूरा फोकस, पूर्वी और साउथ यूक्रेन पर लगा रखा है। आरोप है कि रविवार को रशियन फ़ोर्सेज़ ने साउथ यूक्रेन में एक स्कूल की इमारत को निशाना बनाया। इस बिल्डिंग में आम नागरिकों ने पनाह ले रखी थी। यूक्रेन का कहना है कि रशिया के हमले में 60 नागरिक मारे गए हैं। वहीं, रशिया का कहना है कि स्कूल के भीतर यूक्रेन के सैनिक थे और उसने एक वाजिब सैन्य टारगेट पर हमला किया।
24 फ़रवरी के बाद से रशिया, इस पूरे इलाक़े पर अपना कंट्रोल मज़बूत करने में जुटा हुआ है जिसे डोनबास कहा जाता है। लेकिन, रशिया की बमबारी के निशाने पर रशियन स्पीकिंग जनता भी आ रही है। इस तबाही से वो बहुत दुखी हैं।
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