Monday, April 29, 2024
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गृह मंत्री अमित शाह बोले-'प्रौद्योगिकी तेजी से बदल रही, पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रहने की जरुरत'

अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले पांच वर्षों में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके एक विशाल डेटाबेस बनाने पर कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि आठ करोड़ से अधिक ई-प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और पहाड़ी क्षेत्रों के सात पुलिस थानों को छोड़कर देश के सभी पुलिस थानों को प्रौद्योगिकी के माध्यम से जोड़ा गया है।

Mangal Yadav Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: January 23, 2024 21:52 IST
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह- India TV Hindi
Image Source : @AMITSHAH केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

गांधीनगर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को यहां कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे में बदलाव किए बिना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पुलिस प्रणाली को आधुनिक बनाने की "बड़ी चुनौती" पर काम कर रही है। नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) में 'बिहेवियरल फोरेंसिक' पर एक सेमिनार में शाह ने कहा कि चूंकि प्रौद्योगिकी तेजी से बदल रही है, इसलिए पुलिस को अपराधियों से "दो पीढ़ी" आगे रहने की जरूरत है।

तीन नए कानून की तारीफ की

उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - के तहत सभी प्रणालियां लागू होने के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली अगले पांच वर्षों में दुनिया में सबसे उन्नत होगी। शाह ने कहा, ‘‘जब तक हम फोरेंसिक विज्ञान को न्यायिक प्रक्रिया के सभी हितधारकों के साथ एकीकृत नहीं करते, हमें लाभ नहीं होगा। फोरेंसिक विज्ञान का उपयोग जांच, अभियोजन और न्याय के लिए किया जाना चाहिए। अब शिक्षा में फोरेंसिक विज्ञान को अपनाकर एक कदम आगे बढ़ने का समय आ गया है।

पुलिस को आधुनिक बनाने पर जोर

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा, ‘‘ऐसे में जब हम एक मजबूत आधार के साथ आजादी के 100 साल के सफर की ओर बढ़ रहे हैं, तो मैं अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में चार चुनौतियां देख सकता हूं। बुनियादी ढांचे को बदले बिना पूरी पुलिस प्रणाली में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके इसे एक आधुनिक पुलिस प्रणाली बनाना हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है।’’ उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी नयी प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न ‘हाइब्रिड’ और बहुआयामी खतरे भी एक चुनौती पैदा करते हैं और हमारी प्रणाली की सुरक्षा के लिए एक नेटवर्क की पहचान करने और उसे बनाने की आवश्यकता है।

फोरेंसिक जांच बेहतर किया जाएगा

शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 9,000 से अधिक वैज्ञानिक अधिकारियों और फोरेंसिक विज्ञान अधिकारियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं, जिनकी देश को हर साल भर्ती करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने तीन चुनौतियों पर काम किया है - एनएफएसयू के माध्यम से मानव संसाधन का निर्माण, एक तकनीकी डेटाबेस का निर्माण, डेटा एकीकरण को पूरा करना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके सॉफ्टवेयर का निर्माण और उन्हें कानूनी रूप देना ।’’ शाह ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली, प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक जांच को एकीकृत करना एक और बड़ी चुनौती है।

छात्र तीन नए कानून का अध्ययन करें

उन्होंने कहा, ‘‘मैं (फोरेंसिक विज्ञान के) छात्रों से अनुरोध करूंगा कि वे तीन कानूनों का सूक्ष्मता से अध्ययन करें। हमने जांच, अभियोजन और न्यायिक प्रणाली में कानूनी आधार पर फोरेंसिक विज्ञान को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया है और करियर के दृष्टिकोण से एक बहुत बड़ा क्षेत्र उभर कर सामने आने वाला है।’’ मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे अपराधों के रूप और तरीके बदलते हैं, पुलिस को अपराधियों से आगे रहने की जरूरत है।

अपराधियों से दो कदम आगे रहे पुलिस

शाह ने कहा, ‘‘संभवतः (स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व केंद्रीय मंत्री) के एम मुंशी ने एक बार कहा था कि पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रहना चाहिए। मैं कहना चाहूंगा कि पुलिस को अपराध और अपराधियों से दो पीढ़ी आगे रहने की जरूरत है। प्रौद्योगिकी की पीढ़ी, मानव पीढ़ी से कहीं अधिक तेज है। यदि हमारी प्रणाली अपराध से दो पीढ़ी आगे रहेगी, तो ही हम अपराध को रोकने में सफल होंगे।’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी की नीति और नियमों में एकरूपता लाने के भी प्रयास किये जाने चाहिए।

 

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