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रूसी हीरे पर प्रतिबंध के बाद सूरत के डायमंड इंडस्ट्री पर संकट, कांग्रेस ने केंद्र से किया आग्रह

रूस-यूक्रेन जंग का प्रभाव भारत के गुजरात राज्य पर भी पड़ा है। भारत की डायमंड सिटी सूरत में हीरा पॉलिशिंग के काम से जुड़े लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Oct 03, 2024 19:48 IST, Updated : Oct 03, 2024 19:48 IST
कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने उठाया मुद्दा- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने उठाया मुद्दा

रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद दुनिया में काफी कुछ बदला। कच्चा तेल से लेकर गेहूं की कीमतें आसमान छूने लगी। इस दौरान भारत का गुजरात राज्य भी इसकी जद्द में आया। भारत की डायमंड सिटी सूरत में हीरा पॉलिशिंग के काम से जुड़े लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया। इसे लेकर कांग्रेस की गुजरात इकाई ने गुरुवार को कहा कि सूरत में हीरा श्रमिक रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बेरोजगारी और मंदी के ‘गंभीर संकट’ का सामना कर रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल ने केंद्र से इस दिशा में सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया।

"कुछ हीरा श्रमिकों ने आत्महत्या भी कर ली"

कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि हीरा उद्योग में संकट के कारण कई हीरा श्रमिकों ने अपनी नौकरी गंवा दी और उनमें से कुछ ने तो आत्महत्या भी कर ली। उन्होंने कहा कि सूरत का हीरा उद्योग गंभीर संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि G-7 समूह देशों ने रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगा दिया है। रूसी हीरों को भारत में काटने और चमकाने के लिए आयात किया जाता है और पश्चिमी बाजारों के साथ-साथ चीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और हांगकांग में निर्यात किया जाता है।

 "कच्चे हीरों का खनन रूस में किया जाता है"

गोहिल ने कहा कि अधिकांश कच्चे हीरों का खनन रूस में किया जाता है। हीरा उद्योग से जुड़े कई सारे श्रमिकों ने अपनी नौकरी गंवा दी और उनमें से कुछ ने आत्महत्या भी कर ली। गोहिल ने कहा कि संकट की गंभीरता के बावजूद केंद्र और राज्य सरकार ने हीरा श्रमिकों की मदद के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि ये श्रमिक जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गोहिल ने पूछा कि केंद्र सरकार ने रूसी खदानों से प्राप्त कच्चे हीरों पर कड़े प्रतिबंधों के बारे में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप सहित जी-7 समूह देशों के साथ इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया?

गुजरात में हीरा पॉलिशिंग कारखाने कहां-कहां हैं?

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि गुजरात से राज्यसभा सदस्य और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न तो हितधारकों के साथ एक भी बैठक की और न ही जी7-समूह देशों, अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ हीरा क्षेत्र की समस्याओं को ही उठाया। गुजरात में हीरा उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योगों में से एक है, क्योंकि इस उद्योग पर लगभग 25 लाख परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं। गोहिल ने बताया कि हीरा पॉलिशिंग कारखाने सूरत, नवसारी, भावनगर, अमरेली, बोटाद, राजकोट, जूनागढ़ और अहमदाबाद में स्थित हैं। (इनपुट- भाषा)

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