Wednesday, May 01, 2024
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माइल्ड लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए कारगर है आयुष 64, जानिए इसके बारे में सब कुछ

आयुष-64 की मदद से हल्के और मध्यम कोरोना लक्षण वाले मरीजों का इलाज संभव है।आइए जानते हैं कि आयुष 64 में ऐसा क्या है जो हल्के लक्षण वाले मरीज इसकी नियमित खुराक से ठीक हो सकते हैं।

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 29, 2021 19:51 IST
ayush 64- India TV Hindi
Image Source : AYUSH.GOV.IN माइल्ड लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए कारगर है आयुष 64

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार देशभर के नागरिकों को वैक्सीन लगवा रही है, वहीं दूसरी तरफ एक आयुर्वेदिक दवाई भी सामने आई है जो कोरोना वायरस से लड़ने में काफी कारगर साबित हो रही है। आयुष (AYUSH) मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि हल्के और मध्यम स्तर के कोरोना के उपचार के AYUSH 64 नाम की दवा कारगर साबित हो रही है। कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे देशवासियों को आयुष मंत्रालय की तरफ से आशा की किरण दिखाई दी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि मंत्रालय द्वारा तैयार की गई आयुर्वेदिक दवा आयुष 64 कोरोना के माइल्ड और हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए कारगर है इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। 

कोरोना के उपचार में कारगर साबित हो रही है यह आयुर्वेदिक दवा, सरकार की तरफ से दी गई जानकारी

मंत्रालय की तरफ से किए गए ट्वीट में यह बात कही गई है। मतलब आयुष-64 की मदद से हल्के और मध्यम कोरोना लक्षण वाले मरीजों का इलाज संभव है।आइए जानते हैं कि आयुष 64 में ऐसा क्या है जो हल्के लक्षण वाले मरीज इसकी नियमित खुराक से ठीक हो सकते हैं।

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आयुष 64 टेबलेट में होता है चिरायता, करंजलता के बीज और कुटकी जो प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, पिछले साल 2020 में भी आयुष मंत्रालय ने इस दवाई को कोरोना इलाज के लिए सहायक बताया था साथ में है। इस टैबलेट में सप्तप्रण की छाल भी होती है।

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1980 में आयुष टेबलेट बनाए सबसे पहले बनी थी और इसका उपयोग मलेरिया और चिकनगुनिया के इलाज के लिए कारगर साबित हुआ था। कफ, सांस संबंधी दिक्कतों के साथ साथ ये ठंड और अकड़न को दूर करने में सहायक होता है। चियारता बुखार उतारने का बेहतरीन औषधि है। ये खून भी साफ करता है नेपाल में खून संबंधी विकार के लिए इसे ही इस्तेमाल किया जाता है। चियारता, सप्तप्रण की छाल और कटकी का सत 70 फीसदी होता है और इसमें 30 फीसदी करंलता के बीज मिलाए जाते हैं और फिर कैप्सूल तैयार किए जाते हैं।

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आयुष 64 को पिछले साल आयुष मंत्रालय ने तैयार किया था। इसके साथ ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तीन और दवाओं को बनाया गया था।बाद में इसका क्लिनिकल ट्रायल हुआ था। आयुष-64 एक पॉली हर्बल फॉर्मूले से तैयार की गई हुई टैबलेट है। आयुष मंत्रालय ने सीएसआईआर, आईसीएमआर के निगरानी में आयुष-64 टेबलेट का देश के अलग-अलग अस्पतालों में 140 मरीजों पर अध्ययन कराया, जिसकी रिसर्च में ये बात सामने आई कि जिन्हें ये टेबलेट दी गई उनकी रिकवरी फास्ट हुई और वो जल्दी कोविड 19 निगेटिव हो गए।

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