Friday, April 26, 2024
Advertisement

'ब्लैक फंगस' के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी, हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताए लक्षण और बचाव के 8 उपाय

कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों में 'ब्लैक फंगस' तेजी से फैल रहा है। अगर समय रहते इसका पता नहीं लग पाता तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: May 15, 2021 13:05 IST
black fungus - India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/TRENDSNEEZE ब्लैक फंगस 

'ब्लैक फंगस' एक ऐसा गंभीर रोग है जो कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों में ये बीमारी अब तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इसे म्यूकरमाइकोसिस भी कहा जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इससे बचने की सलाह दी है। हर्षवर्धन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में बताया कि जागरूकता और शुरुआती लक्षणों की पहच कर इसके खतरे से बचा जा सकता है। 

कोरोना निगेटिव होने के बाद भी है हल्का बुखार तो हो जाएं सावधान, स्वामी रामदेव से जानिए कारगर उपचार

म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस क्या है?

म्यूकरमाइकोसिस एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है। आमतौर पर यह इंफेक्शन नाक से शुरू होता है। जो धीरे-धीरे आंखो तक फैलता है। इसलिए, इंफेक्शन फैलते ही इसका इलाज होना बहुत जरूरी है। 

किन लोगों को है खतरा 

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, कुछ खास कंडीशन में ही कोरोना मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस का खतरा बढ़ता है। अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड की वजह से कमजोर इम्यूनिटी, लंबे समय तक आईसीयू या अस्पताल में एडमिट रहना, किसी अन्य बीमारी का होना, पोस्ट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट या कैंसर के मामले में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ सकता है। 

 

छाती में जमे कफ को दूर करने के लिए अपनाएं ये 5 घरेलू नुस्खे, मिलेगी राहत

ब्लैक फंगस के लक्षण

ब्लैक फंगस में मुख्य रूप से कई तरह के लक्षण देखे जाते हैं। आंखों में लालपन या दर्द, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस में तकलीफ, उल्टी में खून या मानसिक स्थिति में बदलाव से इसकी पहचान की जा सकती है। 

कैसे करें बचाव 

म्यूकरमाइकोसिस से कैसे बचें- ब्लैक फंगस से बचने के लिए धूल वाली जगहों पर मास्क पहनकर रहें। मिट्टी, काई या खाद जैसी चीजों के नजदीक जाते वक्त जूते, ग्लव्स, फुल स्लीव्स शर्ट और ट्राउजर पहनें। साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। डायबिटीज पर कंट्रोल, इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग या स्टेरॉयड का कम से कम इस्तेमाल  कर इससे बचा जा सकता है। 

इसके अलावा कोविड-19 से रिकवरी के बाद भी ब्लड ग्लूकोज का लेवल मॉनिटर करते रहें। स्टेरॉयड का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर्स की सलाह पर ही करें। ऑक्सीजन थैरेपी के दौरान ह्यूमिडिटीफायर के लिए साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करें। 

क्या न करें

ब्लैक फंगस से बचने के लिए इसके लक्षणों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें। बंद नाक वाले सभी मामलों को बैक्टीरियल साइनसाइटिस समझने की भूल न करें। खासतौर से कोविड-19 और इम्यूनोसप्रेशन के मामले में ऐसी गलती न करें। 

म्यूकरमाइकोसिस के मामले अब महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों में भी मिलने लगे हैं। इस वक्त गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान में ब्लैक फंगस के मामले देखे जा रहे हैं। ये मरीज की आंख, नाक की हड्डी और जबड़े को भी बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, समय रहते इसका इलाज होना बहुत जरूरी है। 

पढ़ें हेल्थ से जुड़ी अन्य खबरें-  

ब्लैक फंगस: कोरोना के मरीज इन लक्षणों को ना करें इग्नोर, हो सकता है म्यूकोरमाइकोसिस

थायराइड कंट्रोल करने में मदद करेगी धनिया, खाली पेट रोजाना करें सेवन

 

Latest Health News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement