Friday, April 26, 2024
Advertisement

ब्लैक फंगस: कोरोना के मरीज इन लक्षणों को ना करें इग्नोर, हो सकता है म्यूकोरमाइकोसिस

ब्लैक फंगस नाक से शुरू होकर आपकी आंखों और मस्तिष्क तक पहुंचाता है। जो बाद में जानलेवा तक साबित हो सकता है। इस आर्टिकल में जानिए इसके लक्षण और कोविड के मरीजों को किन-किन बात का ध्यान रखना जरूरी है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 14, 2021 7:41 IST
ब्लैक फंगस: कोरोना के मरीज इन लक्षणों को ना करें इग्नोर, हो सकता है म्यूकोरमाइकोसिस- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK ब्लैक फंगस: कोरोना के मरीज इन लक्षणों को ना करें इग्नोर, हो सकता है म्यूकोरमाइकोसिस

कोरोना की मार अब आंखों पर भी पड़ रही है। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में आंखों से जुड़ी कई परेशानियां देखने को मिल रही हैं और ये एक बड़ा चैलेंज है। छोटी-मोटी दिक्कत तो ठीक है, लेकिन अब तो ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जहां लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ रही हैं। गुजरात , महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इस इफेक्शन को 'म्यूकोरमाइकोसिस'  नामक नाम से जाना जाता है जिसे सामान्य भाषा में काला फंगल कहते हैं। इस फंगल का खतरा लो इम्यूनिटी वालों को सबसे अधिक है। 

ब्लैक फंगस नाक से शुरू होकर आपकी आंखों और मस्तिष्क तक पहुंचाता है। जो बाद में जानलेवा तक साबित हो सकता है। इस आर्टिकल में जानिए इसके लक्षण और कोविड के मरीजों को किन-किन बात का ध्यान रखना जरूरी है। 

ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करेगा सौंफ, डायबिटीज के मरीज ऐसे करें सेवन

म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के लक्षण

  • सिर दर्द
  • चेहरे पर दर्द
  • नाक बंद
  • आंखों की रोशनी कम होना या फिर दर्द होना
  • मानसिक स्थिति में बदलाव या फिर भ्रम पैदा होना
  • गाल और आंखों में सूजन
  • दांत दर्द
  • दांतों का ढीला होना
  • नाक में काली पपड़ी बनना

कोविड मरीज काले फंगस से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं

  • ब्लैक फंगस के संकेत और लक्षणों से बचे। यह दिमाग में पंहुच गया तो खतरनाक साबित हो सकता है। 
  • हाइपरग्लाइसीमिया को कंट्रोल करें
  • कोरोना से निजात पाने के बाद भी अपना ब्लड शुगर टेक करते रहें। खासकर डायबिटीज के मरीज। 
  • स्टेरॉयड का उपयोग सही तरीके से करें - सही समय, सही खुराक और अवधि
  •  एंटीबायोटिक/एंटीफंगल का प्रयोग भी ठीक ढंग से सोच-समझकर करे। 

हार्ट को रखना चाहते हैं मजबूत, डाइट में जरूर शामिल करें ये 5 चीजें

जो हाई डोज स्टेरॉइड यूज हो रहे हैं, ये भी वजह है। कम से कम 50 प्रतिशत मामलों में इतने स्टेरॉइड या स्टेरॉइड देने की जरुरत होती ही नहीं है, लेकिन लोग पैनिक में आ रहे हैं। वॉट्सएप एडवाइज के आधार पर ये काम कर रहे हैं। जब ऑक्सीजनेशन कम होता है, सांस लेने में दिक्कत होती है, सेचुरेशन 94 से कम होता है, 7 दिन के बाद भी बुखार रहता है, ऐसी कंडीशन में स्टेरॉइड इस्तेमाल होते हैं। हर कोविड पॉजिटिव को स्टेरॉइड नहीं दिए जाते हैं। कोविड में स्टेरॉइड के ओवर यूज से ब्लैक फंगस हो सकता है। 

जो लोग लंबे समय तक स्टेरॉयड और नमी वाले ऑक्सीजन पर और पहले से मौजूद कॉम्बिडिटी वाले कोविड रोगियों को सबसे अधिक खतरा है।  इसके अलावा उन मरीजों को भी खतरा है जो लोग कीमोथेरेपी और इम्यूनिटी से संबंधित दवाएं ले रहे हैं।

कोरोना वैक्सीन लेने का और फंगस का रिलेशन नहीं है। वैक्सीन लेने के बाद माइल्ड कोविड हो सकता है, लेकिन गंभीर कोरोना और मौत बहुत रेयर है। चूंकि मॉडरेट और गंभीर केसों में ही स्टेरॉइड का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए वैक्सीन लेने के बाद माइल्ड कोविड में स्टेरॉइड की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। अगर पड़ेगी भी तो कम डोज की ही पड़ेगी। ऐसे में तब ब्लैक फंगस के केस नहीं आने चाहिए। 

Latest Health News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement