Wednesday, May 14, 2025
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डायबिटीज के मरीज रात में खाना खाने के बाद ज़रूर करें ये काम, ब्लड शुगर होगा तेजी से कंट्रोल, नींद भी आएगी भरपूर

लैंसेट के रिपोर्ट के मुताबिक डायबिटीज होने पर उम्र कई साल कम हो जाती है। जब डायबिटीज मैनेज नहीं होता, तो शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है जो ब्लड वैसेल्स को नैरो और हार्ड कर देता है। इससे बीपी की परेशानी बढ़ जाती है, हाई बीपी से इफ्लेमेशन और फिर इंसुलिन रेजिस्टेंस साथ ही कोलेस्ट्रॉल प्रॉब्लम होने लगती है।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : May 09, 2025 23:36 IST, Updated : May 09, 2025 23:36 IST
शुगर के मरीज
Image Source : SOCIAL शुगर के मरीज

डायबिटीज इन दिनों देश दुनिया में महमारी बनकर उभरी है। लैंसेट के रिपोर्ट के मुताबिक डायबिटीज होने पर उम्र कई साल कम हो जाती है। जब डायबिटीज मैनेज नहीं होता, तो शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है जो ब्लड वैसेल्स को नैरो और हार्ड कर देता है। इससे बीपी की परेशानी बढ़ जाती है, हाई बीपी से इफ्लेमेशन और फिर इंसुलिन रेजिस्टेंस साथ ही कोलेस्ट्रॉल प्रॉब्लम होने लगती है। नतीजा हार्ट अटैक,ब्रेन स्ट्रोक और किडनी की परेशानी सामने आती है। ऐसे में ज़रूरी है कि डायबिटीज के अमरीज अपनी डाइट के साथ साथ लाइफ स्टाइल में कुछ और भी बदलाव करें।

रात का खाना खाने के बाद डायबिटीज के मरीजों को वॉक ज़रूर करना चाहिए। खाने के बाद 10-15 मिनट की वॉक से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। चलिए जानते हैं वॉक डायबिटीज के मरीजों पर कैसा प्रभाव डालता है और यह ज़रूरी क्यों है? 

रात के खाने के बाद वॉक को करें

रात का खाना खाने के बाद बिस्तर पर जाने की बजाय कम से कम रोज़ाना आधे घंटे की वॉक करें। वॉक करने से मांसपेशियां अधिक ग्लूकोज को अवशोषित करती हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर कम रहता है। नियमित वॉक से शरीर इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है, जिससे इंसुलिन का बेहतर उपयोग होता है। इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है

मिलते हैं ये अन्य फायदे: 

रात के समय खाने के बाद टहलने से पाचन क्रिया बेहतर होती है, जिससे कब्ज और अन्य पेट संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।वॉक करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।टहलने से तनाव दूर होता है और मूड बेहतर होता है सतह ही नींद अच्छी आती है।

ऑफिस में ऐसे करें वॉक:

ऑफिस में लंबे समय तक बैठने के बजाय कम समय तक खड़े रहने से पोस्टप्रांडियल ग्लूकोज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऑफिस में काम करते समय भागने या जॉगिंग करना मुमकिन नहीं है, लेकिन अपनी सीट से उठकर कॉफी लें या फिर किसी सहकर्मी से बात कर लें या फिर यूं ही ऑफिस का एक चक्कर मार लें। इससे वॉक भी हो जाएगी और मन भी हल्का हो जायेगा। अकुछ देर की सैर भी ग्लूकोज और इंसुलिन के प्रभाव को कम करती है। अगर आप दिनभर में 10 ब्रेक भी लेते हैं, तो इससे आपके ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन, ग्लूकोज पर पॉजिटिव असर पड़ता है।

Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)

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