Thursday, May 02, 2024
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नॉन स्टिक बर्तनों के ये 7 नुकसान जान लेंगे, तो आज ही कर देंगे किचन से बाहर

क्या आप भी खाने को कम ऑयली बनाने के लिए नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करती हैं, तो इस रिपोर्ट को जरूर पढ़ें। जिसे आप हेल्दी समझकर इस्तेमाल कर रही हैं, असल में यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, लेख में जानें कैसे।

Sushma Kumari Edited By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Published on: November 07, 2022 18:58 IST
Non Stick cookware- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Non Stick cookware

आजकल भारतीय किचन मॉड्यूलर होती जा रही है। लोग न सिर्फ स्मार्ट किचन चाहते हैं, बल्कि स्मार्ट कुकिंग भी कर रहे हैं। दरअसल, लोग अपनी सेहत को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं। ऐसे में वे कोशिश करते हैं कि वे खाने में कम तेल-मसालों का उपयोग करें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए लोग नॉन-स्टिक बर्तनों को अपने किचन का हिस्सा बना रहे हैं। 

 दरअसल, कई लोग ये सोचते हैं कि नॉन-स्टिक बर्तनों में तेल का उपयोग कम होता है, जो इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाते हैं। हालांकि, लोग इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि जिसे वह हेल्दी समझ रहे हैं वो उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। आइये जानते हैं कैसे। 

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 क्यों हो सकता है नॉन स्टिक बर्तन नुकसानदायक?

 इसमें कोई संदेह नहीं है कि नॉन-स्टिक बर्तनों में तेल कम लगता है और इसे साफ करना आसान है। लेकिन, यह हानिकारक भी हो सकता है, क्योंकि इसमें कोटिंग के लिए पॉलीटेट्राफ्लूरोएथिलिन (PTFE) का उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना स्टिक यानी चिपकता नहीं है। इसे टेफ्लॉन कहा जाता है, जिसे पेरफ्लुओरूक्टेनोइक एसिड (PFOA - perfluorooctanoic acid) से तैयार किया जाता है। यह एक प्रकार का केमिकल होता है। 

 साल 2013 में इसके उपयोग पर रोक लगा दी गई थी। इसलिए कई नॉन स्टिक बर्तनों के ऊपर PFOA-फ्री होने की जानकारी दी जाती है। भले ही इस केमिकल का उपयोग नॉन-स्टिक बर्त्तनों में बंद हो चुका है, लेकिन इसके बदले कई अन्य केमिकल्स का उपयोग किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। आगे जानते हैं कि नॉन स्टिक बर्तनों के क्या नुकसान हो सकते हैं। 

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 नॉन स्टिक बर्तनों के 7 नुकसान 

  1. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, नॉन-स्टिक बर्तनों के अधिक उपयोग से कैंसर जैसी घातक बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है। 
  2. किडनी से जुड़ी समस्या होने का रिस्क होता है। 
  3. थायरॉइड से जुड़ी समस्या हो सकती है। 
  4. इम्यून पावर कमजोर हो सकती है। 
  5. नॉन-स्टिक में खाना पकाने से आयरन की कमी हो सकती है। इससे खून की कमी यानी एनीमिया हो सकता है। 
  6. कॉग्‍निटिव डिसॉर्डर यानी मस्तिष्क से जुड़ी समस्या हो सकती है। 

 नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाते वक्त बरतें ये सावधानियां 

  1. जब भी नए नॉन-स्टिक बर्तनों का उपयोग करें, उससे पहले उसमें गर्म पानी डालकर रख दें। 
  2. सही तरीके से बर्तनों को धोएं। 
  3. नॉन-स्टिक बर्तनों में हमेशा कम फ्लेम में ही खाना बनाएं। 
  4. खाना बनाने से पहले बर्तन को प्रीहीट न करें। 
  5. नॉन-स्टिक बर्तनों को धोते वक्त प्लास्टिक या नर्म स्पॉन्ज से ही बर्तन धोएं। 
  6. नॉन-स्टिक बर्तन को ज्यादा रगड़कर न धोएं। 
  7. जब नॉन-स्टिक बर्तन की कोटिंग निकलने लगे तो उसका उपयोग न करें, क्योंकि टेफ्लोन के हानिकारक केमिकल खाने में मिल सकते हैं और यह खाने के जरिए आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 

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