Sunday, May 12, 2024
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देश के 48 फीसदी अभिभावक बच्चों को कोविड वैक्सीनेशन तक नहीं भेजना चाहते स्कूल: सर्वेक्षण

देश में 48 प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चों को तब तक स्कूल नहीं भेजना चाहते जब तक कि उन्हें कोविड-19 वैक्सीन नहीं लग जाता। देश के 361 जिलों में कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण में 32 हजार से अधिक अभिभावकों ने हिस्सा लिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 28, 2021 17:30 IST
48% parents not willing to send their kids to schools till they get Covid vaccines: Survey- India TV Hindi
Image Source : PTI 48 प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चों को तब तक स्कूल नहीं भेजना चाहते जब तक कि उन्हें कोविड-19 वैक्सीन नहीं लग जाता।

नयी दिल्ली: देश में 48 प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चों को तब तक स्कूल नहीं भेजना चाहते जब तक कि उन्हें कोविड-19 वैक्सीन नहीं लग जाता। देश के 361 जिलों में कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण में 32 हजार से अधिक अभिभावकों ने हिस्सा लिया है। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 32 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा है कि यदि उनके जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले घटकर शून्य हो जाते हैं, तो उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने में कोई संकोच नहीं होगा। 

अभिभावकों के मुताबिक बच्चों को यदि स्कूल भेजना है तो आगामी महीनों में उनका वैक्सीनेशन करना बेहद आवश्यक है। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले करीब 48 प्रतिशत अभिभावकों का कहना है कि जब तक कि उनके बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन नहीं लग जाता, तब तक वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के इच्छुक नहीं हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक कम से कम 21 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि जब कभी स्कूल खुलेंगे, वे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं। 

यह सर्वेक्षण देश के शहरी जिलों से लेकर ग्रामीण जिलों में कई चरणों कराया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों की बैठक में कहा था कि बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान जल्द ही शुरू होगा। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पिछले वर्ष मार्च में लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से ही देशभर में स्कूल बंद हैं। 

हालांकि, कुछ राज्यों में पिछले वर्ष अक्टूबर से स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी, लेकिन महामारी की दूसरी लहर के कारण दोबारा स्कूलों को बंद कर दिया गया था। गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बिहार में स्कूलों को आंशिक रूप से खोल दिया गया है जबकि राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने अगस्त के पहले सप्ताह में स्कूलों को खोलने की घोषणा की है।

वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूल खोलने को लेकर छात्रों, उनके माता-पिता और शिक्षकों से उनकी राय मांगी है। मनीष सिसोदिया ने सुझाव भेजने के लिए एक ईमेल भी जारी की। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में स्कूल और कॉलेज खोलने से पहले मैं स्कूल और कॉलेज के छात्रों, प्रिंसिपल, शिक्षकों और माता-पिता से पूछना चाहता हूं कि क्या अब हमें स्कूल और कॉलेज खोल देना चाहिए? अगर खोलना चाहिए तो आपके इस पर क्या सुझाव हैं? उन्होंने कहा कि आप अपने सुझाव 'delhischools21@gmail.com' पर भेज सकते हैं। आपके सुझाव के आधार पर हम निर्णय लेंगे।

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