Sunday, April 28, 2024
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जानें, ‘नारकोटिक जिहाद’ के बाद अब बिशप कल्लारंगट ने ‘सेक्युलरिज्म’ पर क्या कहा

पादरी ने परोक्ष रूप से अपने बयान को उचित ठहराते हुए कहा कि जो लोग गलतियों के खिलाफ नहीं बोलते हैं, वे चुपचाप उन्हें फलने-फूलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 02, 2021 18:25 IST
Joseph Kallarangatt, Narcotic and Love Jihad, Pseudo Secularists, Pseudo Secularism- India TV Hindi
Image Source : PALAIDIOCESE.COM सायरो मालाबार कैथोलिक चर्च के पाला डॉयसीज के बिशप जोसेफ कल्लारंगट ने कहा कि ‘सूडो सेक्युलरिज्म भारत को तबाह कर देगा।’

तिरुवनंतपुरम: ‘नारकोटिक एवं लव जिहाद’ टिप्पणी पर विवादों के बीच सायरो मालाबार कैथोलिक चर्च के पाला डॉयसीज के पादरी जोसेफ कल्लारंगट ने शनिवार को कहा कि ‘सूडो सेक्युलरिज्म भारत को तबाह कर देगा’, इसलिए असल धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की रक्षा करने की आवश्यकता है। गांधी जयंती के अवसर पर चर्च से संबद्ध अखबार ‘दीपिका’ में प्रकाशित एक आलेख में पादरी कल्लारंगट ने अपनी विवादित टिप्पणी ‘नारकोटिक्स और लव जिहाद’ का जिक्र किए बिना उन लोगों की तीखी आलोचना की जिनका कहना है कि किसी को अपने समुदाय की बुराइयों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए।

पादरी ने परोक्ष रूप से अपना बयान उचित ठहराया

पिछले महीने अपनी टिप्पणी के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए पादरी ने परोक्ष रूप से इसे उचित ठहराते हुए कहा कि जो लोग गलतियों के खिलाफ नहीं बोलते हैं, वे चुपचाप उन्हें फलने-फूलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। पादरी का कहना है कि समाज की बुराइयों के खिलाफ चेतावनी को नजरअंदाज करने के बजाय आगे की घटनाओं को रोकने के लिए उन पर चर्चा और विमर्श करना चाहिए। वर्तमान केरल समाज में धर्मनिरपेक्षता के बारे में बिशप ने कहा, ‘आज की चिंता यह है कि क्या हम धर्मनिरपेक्षता का मार्ग चुनकर सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकृत केरल की ओर बढ़ रहे हैं।’

‘हमारा संविधान धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है’
पादरी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का वास्तविक लाभ किसे मिलता है, इस पर विभिन्न हलकों से सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारत का मूल है और ‘छद्म धर्मनिरपेक्षता देश को तबाह कर देगी। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है। धार्मिक समुदाय और धर्मनिरपेक्ष समुदाय को एक साथ रहना सीखना चाहिए। भारतीय धर्मनिरपेक्षता का सार यह है कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए।’ राष्ट्रपिता के जीवन और संदेश को याद करते हुए कल्लारंगट ने कहा कि महात्मा गांधी की शिक्षाएं देश के अस्तित्व और इसकी सार्थक धर्मनिरपेक्षता के लिए जरूरी हैं।

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