Thursday, April 25, 2024
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नारदा स्टिंग केस: कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तार चारों नेताओं की जमानत पर लगाई रोक, अगली सुनवाई 19 मई को

नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के 2 मंत्रियों समेत टीएमसी के गिरफ्तार 4 नेताओं को कोलकाता हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दे दिया। सीबीआई स्पेशल कोर्ट की तरफ से दी गई जमानत पर कोलकाता हाईकोर्ट ने सोमवार की रात सुनवाई करते हुए रोक लगा दी है, इसके बाद अब ये चारों न्यायिक हिरासत में रहेंगे। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 18, 2021 0:01 IST
नारदा स्टिंग केस: कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तार चारों नेताओं की जमानत पर लगाई रोक, अगली- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO नारदा स्टिंग केस: कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तार चारों नेताओं की जमानत पर लगाई रोक, अगली सुनवाई 19 मई को

कोलकाता/नई दिल्ली। बंगाल में चल रहे सियासी ड्रामे में सोमवार देर रात नया मोड़ उस वक्त आ गया जब तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं को कोलाकाता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा। कोलकाता हाईकोर्ट ने नारद स्टिंग मामले में सोमवार को देर रात सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के मंत्रियों एवं नेताओं को दी गई जमानत पर रोक लगा दी। 

नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के 2 मंत्रियों समेत टीएमसी के गिरफ्तार 4 नेताओं को कोलकाता हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दे दिया। सीबीआई स्पेशल कोर्ट की तरफ से दी गई जमानत पर कोलकाता हाईकोर्ट ने सोमवार की रात सुनवाई करते हुए रोक लगा दी है, इसके बाद अब ये चारों न्यायिक हिरासत में रहेंगे। मामले की अगली सुनवाई बुधवार यानि 19 मई को होगी।

गौरतलब है कि नारदा स्टिंग केस में सोमवार को बंगाल के 2 मंत्रियों समेत राज्य की सत्ताधारी टीएमसी के 4 नेताओं की गिरफ्तारी के बाद दिनभर बवाल चलता रहा। शाम होते-होते सीबीआई के स्पेशल कोर्ट से चारों आरोपियों सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हाकिम,  मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को जमानत मिल गई। उसके बाद सीबीआई ने इस फैसले के खिलाफ कोलकाता हाईकोर्ट का रुख किया जहां पर टीएमसी के चारों नेताओं को झटका लगा और इनकी जमानत पर रोक लगा दी गई। 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एजेंसी के दफ्तर में छह घंटे तक धरना दिया

नारद स्टिंग मामले में सीबीआई ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के दो वरिष्ठ मंत्रियों, तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक एवं पार्टी के एक पूर्व नेता को गिरफ्तार किया, जिसके बाद पश्चिम बंगाल में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एजेंसी के दफ्तर में छह घंटे तक धरना दिया, वहीं उनकी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दफ्तर के बाहर हंगामा किया और राज्य के अनेक स्थानों पर प्रदर्शन किये। बाद में एक विशेष अदालत ने तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के मंत्रियों फरहाद हकीम तथा सुब्रत मुखर्जी, पार्टी विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता तथा कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को जमानत दे दी। सीबीआई ने चारों नेताओं और आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा के खिलाफ अपना आरोप-पत्र दाखिल किया था। मिर्जा इस समय जमानत पर हैं। तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजनीतिक प्रतिशोध के लिए सीबीआई के इस्तेमाल का आरोप लगाया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले के संबंध में चारों नेताओं को गिरफ्तार किया था जिन्हें 2014 में कथित तौर पर एक स्टिंग ऑपरेशन में रुपये लेते हुए देखा गया था।

सीबीआई ने कहा- मौजूदा स्थिति में जांच नहीं संभव

कोलकाता हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि इस स्थिति में जब नारदा आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हंगामा भड़क उठा, नारदा केस की जांच संभव नहीं है। गौरतलब है कि टीएमसी के एक विधायक और एक पूर्व मंत्री समेच नारदा केस में गिरफ्तार चारों आरोपियों को को सोमवार को एक विशेष सीबीआई अदालत ने जमानत दे दी, उनके वकील की तरफ से यह जानकारी दी गई। वकीन अनिंद्य राउत ने कहा कि विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने वरिष्ठ मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी के वकीलों और एजेंसी के वकील का पक्ष सुनने के बाद चारों नेताओं को जमानत दे दी। उन्हें डिजिटल तरीके से अदालत के समक्ष पेश किया गया था।

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