Friday, April 26, 2024
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काढ़ा पीने से लीवर डैमेज होने का खतरा? आयुष मंत्रालय ने जारी किया बयान

आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को उन दावों को सिरे से खारिज किया जिनमें कहा जा रहा था कि लंबे समय तक काढ़े का सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुंचता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 07, 2020 22:03 IST
काढ़ा पीने से लीवर डैमेज होने का खतरा? आयुष मंत्रालय ने जारी किया बयान- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/RASOI909 काढ़ा पीने से लीवर डैमेज होने का खतरा? आयुष मंत्रालय ने जारी किया बयान

नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को उन दावों को सिरे से खारिज किया जिनमें कहा जा रहा था कि लंबे समय तक काढ़े का सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुंचता है। मंत्रालय का कहना है कि ‘‘यह गलत धारणा’’ है क्योंकि काढ़ा बनाने में उपयोग होने वाली सभी चीजें घरों में खाना पकाते समय इस्तेमाल की जाती हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़े के सेवन का सुझाव दिया है।

काढ़े में क्या-क्या डलता है?

संवाददाता सम्मेलन में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि दालचीनी, तुलसी और काली मिर्च का उपयोग काढ़ा बनाने के लिए किया जाता है और उनका श्वसन तंत्र पर अनुकूल प्रभाव होता है। मंत्रालय ने अन्य चीजों के साथ-साथ तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ (अदरक का पाऊडर) और किशमिश का उपयोग कर काढ़ा बनाने और दिन में एक-दो बार उसका सेवन करने की सलाह दी थी। 

काढ़ा पीने से लीवर को नुकसान होता है?

कोटेचा ने कहा, ‘‘ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि काढ़ा से लीवर को नुकसान पहुंचता है। यह गलत धारणा है क्योंकि काढ़े की सारी सामग्री का उपयोग घरों में भोजन पकाने में होता है।’’ वहीं, उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ यह कितना प्रभावी है, इसका पता लगाने के लिए अनुसंधान जारी है।

कब बना आयुष मंत्रालय?

बता दें कि आयुष मंत्रालय 9 नवंबर 2014 में बनाया गया है। पहले भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी विभाग (ISMH) मार्च 1995 में बनाया गया था और नवंबर 2003 में इस विभाग का नाम बदलकर आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी विभाग (आयुष) रखा गया। फिर 2014 में मंत्रालय बनाया गया।

क्या काम करता है आयुष मंत्रालय?

प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी प्रणाली में शिक्षा और अनुसंधान के विकास को ध्यान में रखते हुए यह काम करता है। यह मंत्रालय कई महत्वपूर्व उद्देश्यों के साथ काम करता है। इसके आयुष मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर मंत्रालय के उद्देश्यों के बारे में बताया गया है।

आयुष मंत्रालय के उद्देश्य?

वेबसाइट के अनुसार, देश में दवाओं और होम्योपैथी कॉलेजों में भारतीय सिस्टम के अनुसार शिक्षा के स्तर को उन्नत करना, मौजूदा अनुसंधान संस्थानों को मजबूत बनाना, समयबद्ध कार्यक्रम से अनुसंधान सुनिश्चित करना तथा पहचान किए गए रोगों पर इन प्रणालियों के लिए प्रभावी उपचार तैयार करना मंत्रालय के मुख्य उद्देश्य हैं।

और क्या है आयुष मंत्रालय का काम?

इसके अलावा औषधीय पौधों के उत्थान के लिए और इन प्रणालियों में इस्तेमाल के लिए प्रोन्नति, खेती की योजनाएं तैयार करना तथा चिकित्सा और होम्योपैथिक दवाओं के भारतीय सिस्टम के लिए भेषज मानक विकसित करना भी मंत्रालय के मुख्य उद्देश्यों का ही ही हिस्सा है।

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