Saturday, April 20, 2024
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कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात संविदा कर्मियों को दिया जाए दैनिक भत्ता: अदालत

बम्बई उच्च न्यायालय ने नवी मुंबई नगर निकाय को कोरोना वायरस से निपटने संबंधी कार्य कर रहे संविदा कर्मियों को भी दैनिक भत्ते का लाभ देने का आदेश दिया है

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: May 27, 2020 18:08 IST
कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात संविदा कर्मियों को दिया जाए दैनिक भत्ता: अदालत - India TV Hindi
Image Source : PTI कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात संविदा कर्मियों को दिया जाए दैनिक भत्ता: अदालत 

मुंबई: बम्बई उच्च न्यायालय ने नवी मुंबई नगर निकाय को कोरोना वायरस से निपटने संबंधी कार्य कर रहे संविदा कर्मियों को भी दैनिक भत्ते का लाभ देने का आदेश देते हुए बुधवार को कहा कि कोविड-19 संबंधी कार्यों में तैनात किए गए सभी कर्मियों के साथ समान व्यवहार किया जाए, भले ही उनकी सीधी भर्ती हुई हो या वे संविदा पर काम कर रहे हों। 

न्यायमूर्ति एस जे कथावाला ने नवी मुंबई नगर निगम (एनएमएमसी) में काम कर रहे 6,277 संविदा कर्मियों के संघ ‘समाज समता कामकार सेना’ की याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में अदालत से यह आदेश देने की अपील की गई थी कि एनएमएमसी संघ के सभी सदस्यों के लिए दस्ताने, सैनिटाइजर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट मुहैया कराए। याचिका में एनएमएमसी को यह आदेश देने की भी मांग की गई कि संविदा कर्मियों को भी उस योजना का लाभ दिया जाए, जिसके तहत नगर निकाय के सभी कर्मियों को 300 रुपए दैनिक भत्ता दिए जाने की घोषणा की गई है।

एनएमएमसी के वकील संदीप मार्ने ने अदालत के समक्ष दलील दी कि याचिकाकर्ता संघ के सदस्य ठेकेदारों द्वारा काम पर रखे गए संविदा श्रमिक हैं। वे समानता का दावा करने और निगम से उस दैनिक भत्ते को मांगने के हकदार नहीं है, जो उसने अपने अधिकारियों एवं कर्मियों को देने पर सहमति जताई है। 

हालांकि न्यायमूर्ति कथावाला ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि निगम का नजरिया, खासकर मौजूदा परिस्थिति में अनुचित है। कुछ संविदा कर्मी ठेकेदारों को निगम द्वारा सौंपे गए कोविड-19 से निपटने संबंधी कार्य कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि जिस प्रकार निगम के कर्मियों को अपने घर से कार्यस्थल आने-जाने और भोजन खरीदने में दिक्कत हो रही है, उसी प्रकार संविदा कर्मियों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

पीठ ने कहा कि संविदा कर्मियों से भेदभाव करना बेहद अनुचित है और इस मापदंड से मानव जीवन का मूल्य निर्धारित करना अन्यायपूर्ण है। मार्ने ने दलील दी कि याचिकाकर्ता संघ के सभी सदस्य कोविड-19 संबंधी कार्यों में तैनात नहीं किए गए हैं। इसके बाद पीठ ने निगम को आदेश दिया कि वह इस महीने के अंत तक कोविड-19 से निपटने संबंधी कार्यों में शामिल कर्मियों के नाम प्रमाणित करे और इस सूची को याचिकाकर्ता संघ को सौंपे। 

अदालत ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने संबंधी कार्यों में शामिल जिन कर्मियों के नाम प्रमाणित किए जाएंगे, उन्हें निगम के अन्य कर्मियों की तरह दैनिक भत्ता दिया जाएगा। उसने कहा कि मई 2020 से दैनिक भत्ता हर माह के अंत में ठेकेदार को दिया जाएगा, जो बाद में उसे पात्र कर्मियों में वितरित करेगा। 

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