Friday, March 29, 2024
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दिल्ली में वायु गुणवत्ता पिछले तीन साल में सबसे खराब स्तर पर

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर रविवार को तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया और इसके कारण परेशानी झेल रहे सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इच्छा व्यक्त की कि वे खराब वायु गुणवत्ता के कारण शहर छोड़कर जाना चाहते हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 03, 2019 22:50 IST
Delhi records poorest air quality in 3 years- India TV Hindi
Delhi records poorest air quality in 3 years

नयी दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर रविवार को तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया और इसके कारण परेशानी झेल रहे सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इच्छा व्यक्त की कि वे खराब वायु गुणवत्ता के कारण शहर छोड़कर जाना चाहते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 494 दर्ज किया गया जो छह नवंबर 2016 के बाद से सर्वाधिक है। उस दिन एक्यूआई 497 था।

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दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 21 में एक्यूआई 490 से 500 के बीच दर्ज किया गया। आया नगर, अशोक विहार, आनंद विहार और अरविंदो मार्ग में शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सर्वाधिक खराब दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक्यूआई फरीदाबाद में 493, नोएडा में 494, गाजियाबाद में 499, ग्रेटर नोएडा में 488 और गुड़गांव में 479 रहा। सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी इकाई ‘सफर’ ने बताया कि शहर का समग्र एक्यूआई शाम करीब पांच बजे सर्वाधिक 708 पर पहुंच गया जो कि शून्य से 50 के सुरक्षित स्तर से 14 गुणा अधिक है।

एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है। शनिवार को कहीं-कहीं हुई बारिश से आर्द्रता बढ़ गई जिसकी वजह से धुंध और बादलों के कारण सूर्य की किरणों की गर्मी जमीन तक नहीं पहुंच सकी और विनाशकारी धुंध बढ़ गई। 

दिल्ली हवाईअड्डे पर धुंध के कारण कम दृश्यता की वजह से 37 विमानों का मार्ग परिवर्तित करके उन्हें अन्य हवाईअड्डों पर भेजना पड़ा। प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव एवं फरीदाबाद में प्रशासनों ने पांच नवंबर तक सभी सरकारी एवं निजी स्कूल बंद करने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार शुक्रवार को ही पांच नवंबर तक स्कूल बंद रखे जाने का आदेश दे चुकी है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी ‘स्काईमैट वेदर’ के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश पलावत ने कहा, ‘‘रविवार को वायु की गति काफी बढ़ गई थी, लेकिन कहीं-कहीं बारिश के बाद आर्दता बढ़ने के कारण धुंध और छाए बादलों ने सूर्य की किरणों को जमीन पर नहीं पहुंचने दिया। इसके परिणामस्वरूप जमीन के निकट वायु ठंडी एवं भारी रही।’’ 

नासा के उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में धुंध की चादर छाई हुई है। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि यदि बारिश नहीं होती है तो हालात में खास सुधार की उम्मीद नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात ‘महा’ के कारण सात और आठ नवंबर को बारिश हो सकती है। ट्विटर पर रविवार को ‘दिल्लीबचाओ’ और ‘दिल्लीएयरइमरजेंसी’ हैशटैग ट्रेंड करते रहे और सैकड़ों लोगों ने हालात सुधरने तक एनसीआर से बाहर जाने की इच्छा जताई। कई लोगों ने खिलाड़ियों एवं हजारों दर्शकों के स्वास्थ्य की चिंताओं को नजरअंदाज कर फिरोज शाह कोटला मैदान में पहला भारत-बांग्लादेश टी-20 मैच कराने के फैसले को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की निंदा की। 

रविवार को जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली और एनसीआर के 40 प्रतिशत से अधिक निवासी शहर छोड़ कर कहीं और बसना चाहते हैं जबकि 16 प्रतिशत निवासियों ने इस दौरान शहर से बाहर जाने की इच्छा प्रकट की। दिल्ली और एनसीआर के 17,000 निवासियों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया। पर्यावरणविदों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वे ‘‘बच्चों, बुजुर्गों समेत प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित लोगों को’’ बचाएं। केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर प्रतिदिन नजर रखेंगे।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में रविवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न हालात की समीक्षा की। एक बयान के अनुसार बैठक में दिल्ली के अधिकरियों के अलावा पंजाब और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हिस्सा लिया।

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