Saturday, April 20, 2024
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संस्कृत जाने बिना भारत को पूरी तरह से नहीं समझा जा सकता: मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संस्कृत को जाने बिना भारत को पूरी तरह से समझना मुश्किल है। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: July 20, 2019 23:36 IST
Mohan Bhagwat- India TV Hindi
Mohan Bhagwat

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संस्कृत को जाने बिना भारत को पूरी तरह से समझना मुश्किल है। उन्होंने यहां एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि देश में सभी मौजूदा भाषाएं, जिनमें आदिवासी भाषाएं भी शामिल हैं, कम से कम 30 प्रतिशत संस्कृत शब्दों से बनी हैं। भागवत ने कहा कि यहां तक कि डा. बी आर आंबेडकर ने भी इस बात पर अफसोस जताया था कि उन्हें संस्कृत सीखने का अवसर नहीं मिला क्योंकि यह देश की परंपराओं के बारे में जानने के लिए महत्वपूर्ण है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश के किसी भी हिस्से में कोई भाषा नहीं है जिसे तीन से चार महीनों में नहीं सीखा जा सकता है। अगर हम पहली बार कोई भाषा सुन रहे हैं और व्यक्ति थोड़ा धीरे बोलता है, तो हम कम से कम इसकी ‘भावना’ समझते हैं और इसका कारण संस्कृत है।’’ संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘भारत में हर भाषा, यहां तक कि आदिवासी क्षेत्रों में, कम से कम तीस प्रतिशत संस्कृत शब्द हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘संस्कृत ज्ञान की भाषा है और (प्राचीन) खगोल विज्ञान, कृषि और आयुर्वेद के सभी ज्ञान संस्कृत में ही पाए जा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि भारत के पूर्व-आधुनिक इतिहास के संसाधन भी केवल संस्कृत में हैं।’’ 

भागवत ने कहा कि संस्कृत को जाने बिना भारत को पूरी तरह से समझना मुश्किल है। यहां तक कि डा.बाबा साहेब आंबेडकर ने भी यहीं कहा था। संघ प्रमुख ने कहा कि संस्कृत को इस तरह से पढ़ाया जाना चाहिए ताकि इसे हर कोई सीख सके। 

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