Thursday, May 16, 2024
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जम्मू कश्मीर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर प्रदर्शनकारियों को अब हो सकती है सजा

एक बयान में कहा गया है, यह सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों, संगठनों की हानिकारक गतिविधियों को अधिक प्रभावशाली तरीके से हतोत्साहित करेगा। प्रवक्ता ने कहा कि इस अध्यादेश को लागू करने के दो मकसद हैं। पहला मकसद सार्वजनिक

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: October 27, 2017 13:58 IST
Jammu-Kashmir- India TV Hindi
Jammu-Kashmir

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने एक अध्यादेश लागू किया है जिसके तहत जो व्यक्ति ऐसी हड़तालों या प्रदर्शनों का आवाहन करते हैं जिनके कारण सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान होता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और उसे पांच साल तक के कारावास की सजा हो सकती है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी दी। जम्मू कश्मीर सार्वजनिक संपत्ति नुकसान को रोकना संशोधन अध्यादेश, 2017 सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान संबंधी मौजूदा कानून में संशोधन करता है और इसे तत्काल लागू किया गया है।

एक बयान में कहा गया है, यह सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों, संगठनों की हानिकारक गतिविधियों को अधिक प्रभावशाली तरीके से हतोत्साहित करेगा। प्रवक्ता ने कहा कि इस अध्यादेश को लागू करने के दो मकसद हैं। पहला मकसद सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले सीधे कदम को दंडनीय बनाना है और दूसरा मकसद, इस प्रकार के अपराध के लिए उत्तरदायी बनाना है।

हड़तालों, प्रदर्शनों या प्रदर्शन के अन्य किसी रूप में सीधे कदम से सार्वजनिक के साथ-साथ निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दो से पांच साल की जेल की सजा हो सकती है और क्षतिग्रस्त या नष्ट की गई संपत्ति के बाजार मूल्य के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है। प्रवक्ता ने बताया कि एक मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों को लागू करने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन किया गया है।

चूंकि विधानसभा का सत्र अभी चालू नहीं है तो मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सिफारिशों पर राज्यपाल ने इस अध्यादेश को लागू करने के लिए जम्मू कश्मीर के संविधान की धारा 91 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया।

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