Saturday, April 20, 2024
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केरल बाढ़: बारिश के कमजोर पड़ते ही अधिकारियों के सामने राहत पहुंचाने की चुनौती

केरल में विनाशकारी बाढ़ ने अब तक कम से कम 370 लोगों की जान ली है। रविवार से बारिश भी कमजोर पड़ी है, जिसकी वजह से राहत कार्यों में तेजी आई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 20, 2018 16:17 IST
Kerala Floods | PTI- India TV Hindi
Kerala Floods | PTI

तिरुवनंतपुरम: केरल में विनाशकारी बाढ़ ने अब तक कम से कम 370 लोगों की जान ली है। रविवार से बारिश भी कमजोर पड़ी है, जिसकी वजह से राहत कार्यों में तेजी आई है। सोमवार को केरल में बचाव कार्य अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर गया। इसके साथ ही अब अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य भर में 5,500 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे 7,00,000 से अधिक लोगों तक राहत पहुंचाने की है। कई लोग अभी भी एनार्कुलम जिले के कई हिस्सों और अलप्पुझा जिले के अंदरूनी हिस्से चेंगन्नूर में मदद का इंतजार कर रहे हैं।

9 अगस्त के बाद हुईं ज्यादातर मौतें

केरल में 29 मई से शुरू हुई मॉनसूनी बारिश से लेकर अबतक 370 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन ज्यादातर मौतें 9 अगस्त के बाद हुई हैं। हेलीकॉप्टरों ने सोमवार को उन जगहों पर बचाव अभियान शुरू किया, जहां लोग अभी भी फंसे हुए हैं। कई अन्य हेलीकॉप्टरों ने यहां से खाना और अन्य जरूरी सामग्री पहुंचाई है। चेंगन्नूर के विधायक साजी चेरियन ने कहा, ‘हमने नौकाओं में 70 बचाव दल भेजे हैं। ये सभी उन 60 स्थानों पर पहुंच गए हैं, जहां लोग अभी भी फंसे हुए हैं। हमें विश्वास है कि सोमवार शाम तक सभी को बचा लिया जाएगा।’कोच्चि में राहत एवं बचाव कार्य की एक तस्वीर | PTI

कोच्चि में राहत एवं बचाव कार्य की एक तस्वीर | PTI

‘अभी भी फंसे हैं 1,500 लोग’
एर्नाकुलम के विधायक वी.डी. सतीशन ने कहा कि काफी लोगों को बचा लिया गया है, लेकिन अभी भी कम से कम 1,500 लोग दूरदराज के क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। उन तक पहुंचने में काफी समस्या आ रही है। सतीशन ने कहा, ‘हम इन स्थानों पर व्यक्तिगत बचाव दल भेज रहे हैं और उम्मीद है कि हम उन्हें बचाने में सक्षम होंगे।’ कांग्रेस नेता पी.सी. विष्णुनाथ ने चेंगन्नूर में मीडिया को बताया, ‘बायोटॉयलेट स्थापित किए जाने चाहिए। बुनियादी जरूरतें भी एकसमस्या है।’

पटरी पर लौट रही है परिवहन व्यवस्था
​कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भरा पानी सोमवार को कम हुआ है। बाढ़ के पानी के परिचालन क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद 15 अगस्त से एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया था। अधिकारियों ने सफाई प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, सोमवार को छोटे विमानों ने कोचीन नौसेना एयरबेस से परिचालन शुरू कर दिया। रेलवे ने कोट्टायम क्षेत्र और शोरनूर के अन्य क्षेत्रों में संचालन शुरू कर दिया है। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम ने भी कई डिपो से बसों का संचालन शुरू कर दिया है और एक-दो दिन में परिवहन पूरी तरह शुरू हो जाएगा।

1924 के बाद की सबसे बड़ी तबाही
वर्ष 1924 के बाद से राज्य में कभी भी अत्यधिक बारिश और विनाशकारी बाढ़ से इतने बड़े पैमाने पर तबाही नहीं हुई। राज्य सरकार ने 19,500 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है। सरकार के सामने अब बड़ी चुनौती बीमारियों को रोकने और इस बाढ़ में जिन लोगों का सबकुछ तबाह हो गया है, उनके पुनर्वास की सुचारू व्यवस्था करने की होगी।
Video: केरल बाढ़: जारी है राहत एवं बचाव अभियान

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