Saturday, April 20, 2024
Advertisement

हम किसानों के हितों की रक्षा करेंगे, किसानों की जमीन बिकने नहीं देंगे: सुप्रीम कोर्ट

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानून और किसानों के आंदलोन के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 12, 2021 12:47 IST
कृषि कानून और किसानों के आन्दोलन पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV कृषि कानून और किसानों के आन्दोलन पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानून और किसानों के आंदलोन के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा। सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम किसानों के हितों की रक्षा करेंगे, किसानों की जमीन बिकने नहीं देंगे। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कि-हम अंतरिम आदेश पारित करेंगे। हम सही तस्वीर जानने के लिए कमेटी बना रहे हैं। 

संभव है कि सुप्रीम कोर्ट इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दे। इससे पहले कल चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि वह कृषि कानूनों और किसानों के आन्दोलन से संबंधित मुद्दों पर अलग-अलग हिस्सों में आदेश पारित कर सकती है।

पढ़ें:-IMD Weather Alert: दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच पारा 5 डिग्री से नीचे गिरा, कोहरे ने बढ़ाई मुश्किलें


इस संबंध में बाद में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड की गयी है कि इसे 12 जनवरी को आदेश के लिये सूचीबद्ध किया जाये।’पीठ ने सोमवार को तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ ही किसानों के आन्दोलन के दौरान नागरिकों के निर्बाध रूप से आवागमन के अधिकार के मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ बातचीत का अभी तक कोई हल नहीं निकलने पर केन्द्र को आड़े हाथ लिया था और सारी स्थिति पर घोर निराशा व्यक्त की थी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी संकेत दिया था कि वह किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर सकता है जिसमें देश की सभी किसान यूनियनों के प्र्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है।

पढ़ें:- दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ और पटना सहित 13 शहरों के लिए निकली कोरोना वैक्सीन की पहली खेप, पुणे से रवाना

सुप्रीम कोर्ट ने इस गतिरोध का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये केन्द्र सरकार को और समय देने से इंकार करते हुये कहा था कि पहले ही उसे काफी वक्त दिया जा चुका है। 

हम अपने हाथों पर किसी का खून नहीं चाहते: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ाके की सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों की स्थिति पर चिंता जताते हुये सोमवार को आशंका व्यक्त की कि कृषि कानूनों के खिलाफ यह आन्दोलन अगर ज्यादा लंबा चला तो यह हिंसक हो सकता है और इसमें जान माल का नुकसान हो सकता है। कोर्ट ने कहा, ‘‘ हम नहीं चाहते कि हमारे हाथों पर किसी का खून लगे।’’ साथ ही चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने सर्दी और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत वृद्ध किसानों, महिलाओं और बच्चों से अपने घरों को लौटने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों को समझाने का आग्रह करते हुये कहा कि लोग सर्दी और महामारी की स्थिति से परेशानी में हैं। किसानों के लिये सर्दी से न सही, लेकिन कोविड-19 का खतरा तो है। 

चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आन्दोलन से उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुये सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक वार्ता पर गहरी निराशा व्यक्त की और टिप्पणी की, ‘‘केन्द्र ने बगैर पर्याप्त सलाह मशविरे के ही ये कानून बना दिये। पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर किसी प्रकार की हिंसा और लोगों की जान जाने की संभावना को लेकर चिंतित है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम सभी पर इसकी जिम्मेदारी है। एक छोटी सी घटना भी हिंसा भड़का सकती है। अगर कुछ भी गलत हो गया तो हम सभी इसके लिये जिम्मेदार होंगे। हम नहीं चाहते कि हमारे हाथों पर किसी का खून लगा हो।’

इनपुट-भाषा

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement