Thursday, April 25, 2024
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मध्य प्रदेश: पुलिस ने अनशन पर बैठी मेधा पाटकर को धरना स्थल से जबरन उठाया

सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर (62) और उनके साथ उपवास पर बैठे अन्य लोगों को पुलिस ने 12वें

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Updated on: August 07, 2017 22:48 IST
medha patkar- India TV Hindi
medha patkar

धार (मप्र): सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर (62) और उनके साथ उपवास पर बैठे अन्य लोगों को पुलिस ने 12वें दिन आज धरना स्थल से बलपूर्वक उठा दिया।

इंदौर संभाग के आयुक्त संजय दुबे ने बताया, मेधा एवं अन्य आंदोलनकारियों को प्रशासन ने धरना स्थल से उठा दिया है, क्योंकि उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा था। उन्होंने कहा कि अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी मेधा एवं अन्य लोगों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है। दुबे ने बताया, उन्हें अस्पतालों में ले जाया गया है लेकिन उन जगहों का नाम नहीं बताएंगे जहां उन्हें ले जाया गया है, क्योंकि इससे समस्या उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस कार्वाई में छह पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं और कई सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।

दुबे ने बताया, धरना स्थल पर अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हालांकि, इस बांध के विस्थापितों के लिए संघर्ष कर रही हिम्शी सिंह ने धरना स्थल से बताया, धरनास्थल पर कुल 12 लोग अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे। पुलिस मेधा सहित उपवास पर बैठे छह लोगों को धरना स्थल से बलपूर्वक उठा कर ले गई। इनमें पांच महिलाएं एवं एक पुरूष है।

हिम्शी ने कहा, अनशन पर बैठे बाकी दो पुरूष एवं चार महिलाओं सहित छह लोगों को पुलिस धरना स्थल से उठा कर नहीं ले गई। वे अब भी धरनास्थल पर अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अनशन खत्म करने के लिए पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कुछ लोगों को चोटें आई हैं। इसके अलावा, पुलिस ने धरना स्थल पर बना वह पंडाल भी पूरी तरह से तोड़ दिया है, जिसमें बैठकर हमारा आंदोलन चल रहा था। उन्होंने कहा कि हम इस आंदोलन को जारी रखेंगे।

हालांकि, लाठीचार्ज के आरोपों पर प्रतिक्रिया जानने के लिए पुलिस से बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया। हिम्शी ने बताया कि धरना स्थल से उठाये जाने से पहले नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने आडियो रिकॉर्ड करके एक संदेश में कहा, आज मध्यप्रदेश सरकार ने हमारे आंदोलन का जवाब हम सबको मात्र गिरफ्तार करके दिया है। यह कोई अहिंसक आंदोलन का जवाब नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में गहरे संवाद के लिए जगह नहीं है।

मेधा ने इस रिकॉर्ड में कहा, इसे हम महात्मा गांधी जी के सपनों की हत्या मानते हैं। यह उन लोगों द्वारा किया जा रहा है, जो संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर में आस्था नहीं रखते हैं। समाज इन लोगों को उचित उार देगा। इधर नर्मदा में आज जल स्तर 121.90 मीटर पहुंच गया है। 123 मीटर पर खतरे का निशान निर्धारित है। सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिये उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मेधा अपने 11अन्य साथियों के साथ मध्यप्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी थीं और आज उनके अनशन का 12वां दिन था।

मध्यप्रदेश नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अनुसार सरदार सरोवर बांध से प्रभावित मध्यप्रदेश के करीब 6,500 परिवर अब भी इस बांध के कैचमेंट इलाके में रह रहे हैं। हालांकि, नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेताओं का दावा है कि नवागाम के पास गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के गेटों को जून में बंद करने से मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी के आसपास रहने वाले धार, बडवानी, अलीराजपुर एवं खरगौन जिलों के 40,000 परिवार डूब की चपेट में आ रहे हैं। इन घरों में करीब तीन लाख लोग रहते हैं। वे बेघर हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें 31 जुलाई तक अपने-अपने घरों को छोड़ने को कहा था, लेकिन कई लोग उचित पुनर्वास की मांग को लेकर अपने घर खाली करने को तैयार नहीं हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम तब तक अपने घरों को नहीं छोड़ेंगे, जब तक हमारे लिए उचित पुनर्वास की व्यवस्था नहीं हो जाती।

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