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MDH धर्मपाल गुलाटी: तांगे से की थी शुरुआत, जानिए कैसे बने लोगों की प्रेरणा के स्त्रोत

MDH के मालिक धर्मपाल गुलाटी महज 5वीं क्लास तक पढ़े थे। भले ही उन्होंने किताबी ज्ञान न लिया हो फिर भी कारोबार जगत में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते हैं। धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को अविभाजित भारत के सियालकोट में हुआ था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Dec 03, 2020 08:23 am IST, Updated : Dec 03, 2020 08:52 am IST
MDH Dharmpal gulati business empire journey । MDH धर्मपाल गुलाटी: तांगे से की थी शुरुआत, जानिए कैसे - India TV Hindi
Image Source : TWITTER MDH Dharmpal Gulati dies: MDH धर्मपाल गुलाटी: तांगे से की थी शुरुआत, जानिए कैसे बने लोगों की प्रेरणा के स्त्रोत

MDH मसाले... भारत में शायद कोई ऐसा शख्स हो जो इस नाम और MDH मसाले के विज्ञापन में आने वाले शख्स के चेहरे से परिचित न हो। विज्ञापन में नजर आने वाले बुजुर्ग और कोई नहीं बल्कि इस कंपनी के मालिक धर्मपाल गुलाटी है। व्यापार और उद्योग जगत में धर्मपाल गुलाटी एक प्रेरणादायक शख्स है, जिनके असल जीवन की कहानी हर व्यक्ति को जीवन में कभी निराश होने और हर परिस्थिति में मेहनत करते रहने की प्रेरणा देती है।

MDH के मालिक धर्मपाल गुलाटी महज 5वीं क्लास तक पढ़े थे। भले ही उन्होंने किताबी ज्ञान न लिया हो फिर भी कारोबार जगत में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते हैं। धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को अविभाजित भारत के सियालकोट में हुआ था। गुलाटी साल 1947 में देश के बंटवारे के बाद भारत आ गए, जिस समय वो भारत आए तक उनके पास महज 1500 रुपये थे।

भारत आने के बाद धर्मपाल गुलाटी ने पंजाब के अमृतसर को अपना ठिकाना बनाया लेकिन कुछ दिनों बाद वो दिल्ली आ गए। यहां आने के बाद धर्मपाल गुलाटी ने परिवार चलाने के लिए तांगा चलाना शुरू किया, और फिर उन्होंने मसाले की दुकान शुरू की। धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई और उनका मसालों का कारोबार फैलता चला गया। आज पूरी दुनिया में मसालों के क्षेत्र में उनका नाम है।  भारत और दुबई में MDH मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं। 

आपको बता दें कि MDH मसाले के संस्‍थापक और इसे घर-घर तक पहुंचाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्‍ता एसके तिजारावाला ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। तिजारावाला ने बताया कि गुरुवार सुबह 5:38 बजे महाशय धरमपाल ने विकासपुरी स्थित एक अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। वह काफी दिनों से बीमार थे और अस्‍पताल में भर्ती थे।

पिछले साल ही महाशय धर्मपाल गुलाटी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजा था। वो 98 साल के थे। धर्मपाल गुलाटी एक बड़े समाज सेवक भी थे। उन्होंने कई स्कूल और अस्पताल भी खोले। हाल ही में उन्होंने दिल्ली सरकार को 7500 पीपीई किट उपलब्ध करवाईं थी।

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