Friday, April 19, 2024
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मक्का में हज के दौरान भी होता है यौन शोषण, शुरु हुआ #MosqueMeToo कैंपेन, महिलाएं बता रही हैं आपबीती

"लोग सोचते हैं कि मक्का मुस्लिमों के लिए एक पवित्र जगह इसलिए वहां कोई कुछ ग़लत नहीं करेगा। यह पूरी तरह ग़लत है।"

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 15, 2018 14:29 IST
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मस्जिदों में भी होता है यौन उत्पीड़न, शुरु हुआ #MosqueMeToo कैंपेन

नई दिल्ली: आप #MeToo के बारे में तो जानते ही होंगे जो यौन शोषण के विरुद्ध एक अभियान था। इसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। अब ऐसा ही एक कैंपेन फिर शुरू हुआ है जिसमें हज और अन्य धार्मिक स्थानों पर जाने वाली महिलाएं अपनी आपबीती बता रही हैं। सोशल मीडिया पर यह अभियान #MosqueMeToo नाम से चल रहा है और महिलाएं यौन शोषण से जुड़े अपने अनुभवों को ज़ाहिर कर रही हैं।

महिलाओं के साथ मस्जिदों में हुई यौन उत्पीड़न को उजागर करने वाले इस कैंपेन की शुरुआत पत्रकार और लेखिका मोना एल्ताहवी ने अपने साथ हज यात्रा के समय हुई यौन उत्पीड़न की घटना के बाद की थी। मोना एल्ताहवी के द्वारा इस घटना को उजागर करने के बाद उनके पास लोगों के मैसेज आने लगे। एक अंग्रेजी वेबसाइट से बात करते हुए मोना कहती हैं कि मेरी कहानी पढ़ने के बाद एक मुस्लिम महिला ने अपनी मां के साथ हज यात्रा के समय हुई यौन उत्पीड़न की घटना को विस्तृत रूप से लिखकर मुझे मेल किया था।

इसके बाद दुनिया भर से मुस्लिम पुरुष और महिलाएं इस हैशटैग का इस्तेमाल करने लगे और 24 घंटे के अंदर यह 2000 बार ट्वीट हो गया। यह फारसी ट्विटर पर टॉप 10 ट्रेंड में आ गया। ट्विटर पर अपना अनुभव शेयर करने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्हें भीड़ में ग़लत तरीके से छुआ गया और पकड़ने की कोशिश की गई।

मस्जिदों में महिलाओं के साथ हुए घटनाओं को उजागर करने वाले इस कैंपेन के लिए ट्विटर पर @reallyHibbs हैंडल से लिखा गया कि जब मैं जामा मस्जिद में गई तो एक व्यक्ति ने मेरी छाती पर हाथ मारने का प्रयास किया था। उस समय उन्होंने इस संबंध में किसी से भी बात नहीं की थी क्योंकि लोगों को उस समय लगता कि मैं इस्लामोफोबिया का समर्थन कर रही हूं। वहीं @djenanggulo हैंडल के साथ एक महिला ने लिखा कि सऊदी अरब में स्थित मस्जिद नवाबी से कुछ फीट की दूरी पर ही एक व्यक्ति ने उनका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया था।

@NewtmasGrape हैंडल के किसी ने लिखा कि जब वह मात्र 10 साल की उम्र में थीं तब एख मस्जिद में एक व्यक्ति ने पीछे से उनके अंगों को बुरी तरह से दबोचा था। एक यूजर एंग्गी लेगोरियो ने ट्विट किया, "मैंने #MosqueMeToo के बारे में पढ़ा। इसने हज 2010 के दौरान की भयानक यादें फिर से मेरे ज़हन में आ गईं। लोग सोचते हैं कि मक्का मुस्लिमों के लिए एक पवित्र जगह इसलिए वहां कोई कुछ ग़लत नहीं करेगा। यह पूरी तरह ग़लत है।" एक अनुमान के मुताबिक करीब 20 लाख मुसलमान हर साल हज के लिए जाते हैं। इससे पवित्र माने जाने वाले मक्का शहर में लोगों की भारी भीड़ इकट्ठी हो जाती है।

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