Tuesday, April 23, 2024
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निर्भया के दोषियों को कोर्ट ने एक हफ्ते की मोहलत दी, एक साथ होगी फांसी

दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया के गुनहगारों को अलग अलग फांसी दी जाने वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चारों के खिलाफ अलग-अलग डेथ वॉरंट जारी नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही निर्भया के दोषियों को कोर्ट ने हफ्ते की मोहलत दी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 05, 2020 15:47 IST
निर्भया के दोषियों को एक साथ होगी फांसी या अलग अलग, फैसला आज- India TV Hindi
निर्भया के दोषियों को एक साथ होगी फांसी या अलग अलग, फैसला आज

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया के गुनहगारों को अलग-अलग फांसी दी जाने वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चारों के खिलाफ अलग-अलग डेथ वॉरंट जारी नहीं किया जा सकता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, न कि अलग अलग। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने दोषियों को एक हफ्ते के अंदर जो भी आवदेन देना चाहे वह दायर करने का निर्देश दिया, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा उस पर कार्रवाई की जाएगी। 

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उच्च न्यायालय ने केंद्र की निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। निचली अदालत ने दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी थी। केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी। इसमें निचली अदालत ने अगले आदेश तक मामले के सभी चारों दोषियों-- मुकेश कुमार (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी देने पर रोक लगा दी थी। सभी दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं।

बता दें कि अभी तक दिल्ली जेल मैनुअल का हवाला देकर दरिंदें बचते आ रहे हैं। 1 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि एक दोषी की याचिका लंबित होने पर 3 दोषियों को फांसी से राहत नहीं दी जा सकती।

अभी तक दरिंदों की दो बार फांसी टल चुकी है। पहली बार 21 जनवरी को फांसी होनी थी जो टल गई। दूसरी बार 1 फरवरी को फांसी होनी थी, वो भी टल गई। कोर्ट ने रविवार को विशेष सुनवाई के तहत इस मुद्दे पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मंगलवार को 'निर्भया' के माता-पिता ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि वह केंद्र की संबंधित याचिका के निपटारे में देरी न करे। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने उन्हें जल्द से जल्द फैसला सुनाए जाने का भरोसा दिलाया।

सुनवाई के दौरान केंद्र ने दलील दी कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को एक-एक कर फांसी देने में दिल्ली को कोई समस्या नहीं, तिहाड़ को कोई समस्या नहीं, कोई नियम ऐसा करने से नहीं रोकता, कुछ खास परिस्थितियों को छोड़कर। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में लोगों ने रेप के दोषियों के एनकाउंटर का जश्‍न मनाया था। लोगों का यह जश्‍न पुलिस के लिए नहीं था, बल्कि इंसाफ के लिए था।

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