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लखनऊ में 22 नवंबर को होगी किसान महापंचायत, पूर्वांचल में और तेज होगा प्रदर्शन: राकेश टिकैत

बता दें कि बीकेयू, दिल्ली की तीन सीमाओं- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर 26 नवंबर 2020 से किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Nov 09, 2021 06:18 pm IST, Updated : Nov 09, 2021 06:18 pm IST
लखनऊ में 22 नवंबर को होगी किसान महापंचायत, पूर्वांचल में और तेज होगा प्रदर्शन: राकेश टिकैत- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE लखनऊ में 22 नवंबर को होगी किसान महापंचायत, पूर्वांचल में और तेज होगा प्रदर्शन: राकेश टिकैत

गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश): भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पूर्वांचल क्षेत्र में प्रदर्शन और तेज किया जाएगा। पूर्वांचल में पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के हस्से आते हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन का एक साल पूरा होने से चार दिन पहले 22 नवंबर को लखनऊ में किसान महापंचायत होगी। 

राकेश टिकैत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ऐतिहासिक होगी लखनऊ में आयोजित 22 नवंबर की किसान महापंचायत। संयुक्त किसान मोर्चा की यह महापंचायत किसान विरोधी सरकार और तीनों काले कानूनों के विरोध में ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा, "अब पूर्वांचल में भी और तेज होगा अन्नदाता का आंदोलन।’’ 

बता दें कि बीकेयू, दिल्ली की तीन सीमाओं- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर 26 नवंबर 2020 से किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा है। प्रदर्शनकारी किसान तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग कर रहे हैं।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानून- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 हैं।

राकेश टिकैत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "साढ़े साथ सौ के आसपास किसान शहीद हो गए और भारत सरकार की तरफ से एक भी शोक संदेश नहीं आया। तो देश के किसानों को ये लगता है कि प्रधानमंत्री जो हैं, वो देश के किसानों के प्रधानमंत्री नहीं हैं।"

इससे पहले राकेश टिकैत ने एक नवंबर को कहा था कि केंद्र के पास विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए 26 नवंबर तक का वक्त है और इसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को तेज़ किया जाएगा। 

बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने ट्वीट किया, “ केंद्र सरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है। उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेंगे और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आंदोलन स्थल को मजबूत करेंगे।” 

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