Wednesday, April 24, 2024
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G20 का इस सप्ताह होने वाला शिखर सम्मेलन साबित होगा ‘मील का पत्थर’: सऊदी अरब

विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि समूह का आगामी शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 15, 2020 21:54 IST
Upcoming G20 summit will be a milestone: Saudi Arabia- India TV Hindi
Image Source : FILE Upcoming G20 summit will be a milestone: Saudi Arabia

नयी दिल्ली: विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि समूह का आगामी शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा। सऊदी अरब ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करने के लिये जी20 से राजकोषीय समर्थन, कर्ज में कटौती तथा अन्य मौद्रिक उपायों की अपेक्षा की जा रही है। 

यह सम्मेलन आभासी तरीके से 21-22 नवंबर को होने वाला है। भारत में सऊदी अरब के राजदूत सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘21-22 नवंबर को होने वाली बैठक एक मील का पत्थर साबित होने वाली है। जी 20 के सदस्य इस वर्ष के दौरान दूसरी बार बैठक करने जा रहे हैं। प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकों और नेताओं के शिखर सम्मेलन के साथ जी 20 ने आठ संयुक्त समूहों के काम पर बहुत ध्यान दिया है।’’ ऐसी उम्मीदें हैं कि इस शिखर सम्मेलन में जी 20 एक आर्थिक राहत कार्यक्रम पेश कर सकता है। इसके साथ ही जी 20 के द्वारा गरीब देशों के ऊपर कर्ज के बोझ को कम करने की 

योजना भी पेश किये जाने की उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन काफी हद तक कोरोनो वायरस महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों के पर केंद्रित होगा। 

अल सती ने कहा कि सऊदी अरब उस ज्ञान और अनुभव को महत्व देता है, जो भारत ने जी 20 को दिया है। इसके साथ-साथ महामारी से निपटने के लिये दुनिया भर के कई देशों में चिकित्सकीय सामान एवं सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने के भारत के उल्लेखनीय प्रयासों को भी सऊदी अरब तवज्जो देता है। राजदूत ने कहा कि सऊदी अरब पहले ही महामारी से जी20 देशों तथा अन्य देशों के समक्ष आयी दिक्कतों का ठोस नीतिगत समाधान निकालने के लिये दुनिया भर के कंपनियों व अध्ययन संस्थानाअें के साथ साथ विभिन्न संबंद्ध पक्षों के साथ संवाद कर रहा है। 

जी 20 समूह में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। ये देश वैश्विक जीडीपी में 85 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो-तिहाई हिस्से का योगदान देते हैं। 1930 के महामंदी के बाद की सबसे खराब वैश्विक मंदी के बीच शक्तिशाली समूह का यह शिखर सम्मेलन हो रहा है। मार्च में एक आभासी शिखर सम्मेलन के बाद जी20 ने महामारी के प्रभाव को कम करने के लिये वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर से अधिक पूंजी लगाने की घोषणा की थी। 

उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख एजेंडा के बीच यह शिखर सम्मेलन महामारी के प्रभाव को कम करने, भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये उठाये जाने वाले कदमों पर काम करेगा। इस बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों तथा समूह के अन्य सदस्य देशों के नेता भाग ले सकते हैं। 

अल-सती ने कहा, ‘‘‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था को कोविड-19 महामारी के कारण अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट से लेकर वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करने तक इस महामारी ने दुनिया को एक ऐसा झटका लाया जिसको सोचा भी नहीं जा सकता था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस मुश्किल समय में सऊदी अरब की अगुवाई में जी20 समूह अर्थव्यवस्थाओं और समुदायों, विशेष रूप से सबसे अधिक संवेदनशील वर्ग को मार्गदर्शन प्रदान किया है, ताकि वैश्विक नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था की मदद के लिये एक ठोस बुनियाद तैयार की जा सके।’’ राजदूत ने कहा कि सऊदी अरब की अध्यक्षता मार्च में जी 20 नेताओं के हुए शिखर सम्मेलन की सफलता तथा 100 से अधिक आभासी कार्य समूहों और मंत्रिस्तरीय बैठकों के परिणामों को आगे ले जायेगी।

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