Tuesday, April 16, 2024
Advertisement

अंतरधार्मिक विवाह पर प्रोत्साहन राशि को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कही बड़ी बात

उत्तराखंड सरकार के अंतरधार्मिक विवाह करने वाले दंपतियों को पचास हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दिए जाने के मामले ने तब तूल पकड लिया जब टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देने हेतु एक प्रेस नोट जारी किया। 

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: November 22, 2020 8:19 IST
Uttarakhand government to fix incentive money order on inter-religious marriage । अंतरधार्मिक विवाह - India TV Hindi
Image Source : PTI उत्तराखंड सरकार अंतरधार्मिक विवाह पर प्रोत्साहन राशि के आदेश को ठीक करेगी

देहरादून. उत्तराखंड में अंतरधार्मिक विवाह पर प्रोत्साहन राशि बांटे जाने पर मचे बवाल के बाद प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि इस मामले में जारी आदेश को ठीक करने की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सलाहकार आलोक भट्ट द्वारा सोशल मीडिया में जारी एक बयान में कहा गया है कि संशोधन की कार्रवाई में समय लगेगा पर इस आदेश को ठीक कर दिया जाएगा।

पढ़ें- उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहा

उत्तराखंड सरकार के अंतरधार्मिक विवाह करने वाले दंपतियों को पचास हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दिए जाने के मामले ने तब तूल पकड लिया जब टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देने हेतु एक प्रेस नोट जारी किया। वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखंड में इससे संबंधित नियमावली को जस की तस स्वीकार कर लिया गया था जिसमें ऐसे विवाह करने वाले दंपतियों को 10,000 रुपए दिए जाते थे।

पढ़ें- मथुरा में दो साधुओं की मौत से हड़कंप, एक की हालत नाजुक

वर्ष 2014 में उत्तराखंड की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसमें संशोधन कर इस प्रोत्साहन राशि को बढाकर 50,000 रुपए कर दिया। अंतरधार्मिक के अलावा अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपतियों को भी यह प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रदेश के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने यहां बताया कि यह प्रोत्साहन राशि सभी कानूनी रूप से रजिस्ट्रर्ड अंतरधार्मिक विवाह करने वाले दंपतियों को दी जाती है। अंतरधार्मिक विवाह किसी मान्यता प्राप्त मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर या देवस्थान में संपन्न होना चाहिए।

पढ़ें- महबूबा-अब्दुल्ला को LG की सलाह- संविधान की शपथ लेने वाले भाषा की मर्यादा का रखें ख्याल

उन्होंने बताया कि अंतरजातीय विवाह संबंधों में प्रोत्साहन राशि पाने के लिए दंपति में से पति या पत्नी किसी एक का भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार, अनुसूचित जाति का होना आवश्यक है। ऐसे विवाह करने वाले दंपति शादी के एक साल बाद तक प्रोत्साहन राशि पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। भट्ट ने कहा कि इस साल अभी तक किसी अंतरधार्मिक विवाह करने वाले दंपति को यह राशि नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा, ' इस पर मचा बवाल आधारहीन है क्योंकि योजना मुख्य रूप से अंतरजातीय विवाहों को बढावा देने के लिए है।' 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement