Friday, April 26, 2024
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Amarnath Yatra 2022: 29 साल से खतरे के साये में हो रही है अमरनाथ यात्रा, जानिए कब-कब हुए आतंकी हमले

Amarnath Yatra 2022: यह यात्रा कुल 43 दिनों तक दो मार्गों से पूरी होगी। एक मार्ग पहलगाम का पारंपरिक मार्ग है जबकि दूसरा मार्ग गांदेरबल के बालटाल का है।

Niraj Kumar Written by: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: June 07, 2022 17:38 IST
Amarnath Yatra- India TV Hindi
Image Source : FILE Amarnath Yatra

Highlights

  • दो साल के अंतराल के बाद 30 जून से शुरू हो रही है यात्रा
  • आतंकी हमले की आशंका के चलते सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
  • 1993 से अब तक हो चुके हैं कई हमले

Amarnath Yatra 2022:  करीब दो वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होनेवाली है। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से यह यात्रा नहीं हो पाई थी। लेकिन इस बार पूरी तैयारियों के साथ यात्रा को मंजूरी मिल चुकी है। आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। आधार शिविरों और यात्रा मार्गों को सैनिटाइज करने के बाद ही यात्रा अपने निर्धारित मार्ग से गुजरेगी। 

'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने दी धमकी

यह यात्रा कुल 43 दिनों तक दो मार्गों से पूरी होगी। एक मार्ग पहलगाम का पारंपरिक मार्ग है जबकि दूसरा मार्ग गांदेरबल के बालटाल का है। पहलगाम के पारंपरिक मार्ग के जरिए करीब 48 किमी की दूरी तय करनी होती है जबकि बालटाल मार्ग के जरिए यात्रा की दूरी महज 14 किमी ही रहती है। आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की ओर से हमले की धमकी के मद्देनजर  दोनों मार्गों पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। 

Amarnath Yatra Terrorist Attack

Image Source : INDIA TV
Amarnath Yatra Terrorist Attack

अमरनाथ यात्रा पर 1993 में हुआ पहला आतंकी हमला

अमरनाथ यात्रा पर पहली बार आतंकी हमला 1993 में हुआ था।  हरकत उल अंसार नामक आतंकी संगठन ने पहले यात्रा को लेकर धमकी दी और जब धमकी बेअसर हुई तो हमला कर तीन श्रद्धालुओं की हत्या कर दी । इसके अगले साल 1994 में भी आतंकियों ने दो श्रद्धालुओं की हत्या कर थी। फिर 1995 में आतंकियों ने एक बार फिर यात्रा को निशाना बनाने की कोशिश की और तीन हमले किए लेकिन एक भी श्रद्धालु हताहत नहीं हुआ। 1996 में भी आतंकियों ने दो हमले किए लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए। 

वर्ष 2000 में पहलगाम बैसकैंप में अंधाधुंध फायरिंग

आतंकियों ने वर्ष 2000 में अमरनाथ यात्रा पर सबसे बड़ा हमला किया था। पहलगाम बेसकैंप में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर श्रद्धालुओं समेत कुल 35 लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद आतंकियों ने 2001 में  12 श्रद्धालुओं की हत्या कर दी। 2002 में आतंकियों के हमले में 10 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसके बाद वर्ष 2006 में एक बार फिर आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया। आतंकियों ने बस पर ग्रनेड फेंका जिसमें एक श्रद्धालु की मौत हो गई। 

10 जुलाई 2017 को बस पर फायरिंग

2006 के बाद से यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से चलती रही और आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा पर हमला नहीं किया। लंबे अंतराल बाद वर्ष 2017 में आतंकियों ने अमरनाथ श्रद्धालुओं को लेकर जा रही बस को निशाना बनाया। 10 जुलाई 2017 को हुए इस हमले में 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई जबकि 32 लोग घायल हो गए।

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