Thursday, May 02, 2024
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दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके, काफी देर तक हिलती रही धरती

दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश के कई अन्य शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास था।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 23, 2024 6:23 IST
Earthquake - India TV Hindi
Image Source : FILE दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाके में यह झटके महसूस किए गए हैं। इस भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास बताया जा रहा है। भूकंप के झटके महसूस करने के बाद तमाम लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। 

 

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, देर रात 11.39 बजे चीन के दक्षिणी झिंजियांग में रिक्टर स्केल पर 7.2 की तीव्रता वाला भूकंप आया। इसी के झटकों का असर भारत में हुआ है। फिलहाल इन झटकों की वजह से अभी किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई है।

क्यों आते हैं भूकंप?

हाल के दिनों में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती के विभिन्न इलाकों में लगातार भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती रहती हैं। भारत का उत्तरी क्षेत्र हिमालय के करीब है। उत्तर भारत से पूर्वोत्तर भारत तक फैले हिमालय क्षेत्र में दो विशाल टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित होने के कारण भारत और नेपाल में भूकंप आते रहते हैं। इस कारण इसके झटके दिल्ली में भी महसूस होते हैं। 

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध? 

  • 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  • 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
  • 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
  • 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है। 

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