Saturday, April 20, 2024
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किसानों ने आंदोलन फिर शुरू करने की दी चेतावनी, मना रहे हैं 'विश्वासघात दिवस'

दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने और अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक लंबा आंदोलन चलाया था।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: January 31, 2022 12:56 IST
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Image Source : PTI किसानों ने आंदोलन फिर शुरू करने की दी चेतावनी, मना रहे हैं 'विश्वासघात दिवस'

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) आज सरकार के खिलाफ 'विश्वास घात दिवस' मना रहा है। एसकेएम के अनुसार आंदोलन स्थगित करने के मौके पर सरकार के साथ जो समझौते तय हुए, उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है जिसके खिलाफ यह दिवस मनाया जा रहा है। एसकेएम ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम एक ज्ञापन भी जिलाधिकारियों और तहसीलदार को दिया है। ज्ञापन में नाराजगी व्यक्त कर वायदे पूरे न होने पर दोबारा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा है, यह बताते हुए हमें बेहद दुख और रोष हो रहा है कि एक बार फिर देश के किसानों के साथ धोखा हुआ है। भारत सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर हमने मोर्चे उठाने का फैसला किया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है। इसलिए पूरे देश के किसानों ने आज विश्वासघात दिवस मनाने का फैसला लिया है। वहीं सरकार की कथनी और करनी का अंतर आप स्वयं देख सकते हैं।

सरकार उनके विश्वास को न तोड़े। सत्ता किसान के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करे। आप केंद्र सरकार को उसके लिखित वादों की याद दिलाएं और इन्हे जल्द से जल्द पूरा करवाएं। यदि सरकार अपने लिखित आश्वासन से मुकर जाती है तो किसानों के पास आंदोलन को दोबारा शुरू करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचेगा।

दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने और अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक लंबा आंदोलन चलाया था। एसकेएम ने ज्ञापन में आगे लिखा है, कृषि कानून आंदोलन के चलते आपके हस्ताक्षर से तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द किया गया। उसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर बकाया छह मुद्दों की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट किया।

उसके जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कुछ मुद्दों पर सरकार की ओर से आश्वासन दिए और आंदोलन को वापस लेने का आग्रह किया। इस चिट्ठी पर भरोसा कर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के बॉर्डर पर लगे मोर्चा और तमाम धरना प्रदर्शनों को 11 दिसंबर से उठा लेने का निर्णय किया।

इसके अलावा किसानों ने ज्ञापन में सभी वायदों को लिख राष्ट्रपति को उनकी जानकारी भी दी है।

(इनपुट- एजेंसी)

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