Thursday, March 28, 2024
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Delhi Air Pollution: पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं 9 दिन में 3 गुना बढ़ीं, दिल्ली की हवा में भी घुल सकता है जहर

पंजाब में इस साल पराली जलाने की घटनाएं पिछले 2 साल के मुकाबले कम रही हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Updated on: October 20, 2022 6:29 IST
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Image Source : PTI FILE पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में काफी वृद्धि देखी गई है।

Highlights

  • इस साल पंजाब में अभी तक पराली जलाने की कुल 2,625 घटनाएं सामने आईं।
  • पंजाब में 2020 में 19 अक्टूबर तक पराली जलाने की 7,115 घटनाएं हुई थीं।
  • पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की थी।

Delhi Air Pollution: सर्दियों में आमतौर पर जहरीली हो जाने वाली दिल्ली की हवा में जहर घुलने का अंदेशा एक बार फिर बढ़ गया है। दरअसल, पंजाब में पिछले 9 दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में करीब 3 गुना वृद्धि दर्ज की गयी है। इसके साथ ही अभी तक इस मौसम में ऐसे मामलों की कुल संख्या 2,625 हो गयी है। इस साल 15 सितंबर से 10 अक्टूबर तक राज्य में पराली जलाने की 718 घटनाएं सामने आई हैं। लुधियाना स्थित ‘पंजाब रिमोट सेंसिंग केंद्र’ के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बुधवार को पराली जलाने की 436 घटनाएं दर्ज की गयीं।

पिछले 2 सालों के मुकाबले कम जलाई गई पराली

राहत की बात सिर्फ इतनी सी है कि पिछले 2 साल के मुकाबले इस साल पराली जलाने की घटनाएं कम देखी गयी हैं। राज्य में 2020 में 19 अक्टूबर तक पराली जलाने की 7,115 और 2021 में 2,942 घटनाएं दर्ज की गयी थीं। बुधवार को पराली जलाने की सबसे अधिक 124 घटनाएं तरनतारन में दर्ज की गयीं। इसके बाद अमृतसर में 82, गुरदासपुर में 64 और पटियाला में 27 घटनाएं दर्ज की गयी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लुधियाना में बुधवार को कहा था कि किसान पराली जलाने से बचें क्योंकि इससे वायु प्रदूषण के जरिए मानव जीवन को गंभीर खतरा पहुंचता है।

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Image Source : PTI FILE
ठंड के दिनों में दिल्ली अक्सर ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो जाती है।

‘पंजाब को करना पड़ता है शर्मिंदगी का सामना’
इस बीच, पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से पराली जलाने की घटनाओं की जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए सभी जिलों का नियमित दौरा करने को कहा है। जंजुआ ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं के कारण पंजाब को राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग और NGT ने राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर नाखुशी भी जतायी है। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि पराली न जलाने वाले किसानों को जिला स्तर पर विशेष रूप से सम्मानित किया जाए ताकि अन्य किसान भी प्रेरित हो।

पराली की वजह से NCR में बढ़ता है वायु प्रदूषण
बता दें कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाया जाना अक्टूबर तथा नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके चलते ठंड के मौसम में दिल्ली की हालत किसी गैस चैंबर जैसी हो जाती है और इसके चलते यहां रहने वाले लोगों में सांस की बीमारियों में वृद्धि देखी जाती है। हालांकि इस बार पराली जलाने की घटनाओं में कुछ कमी आने की वजह से हालात थोड़े ठीक रहने की उम्मीद की जा सकती है।

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