Saturday, April 27, 2024
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जानिए क्या है भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट, जिसे बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया गेम चेंजर

सितंबर 2023 के दौरान देश की राजधानी दिल्ली में G20 सम्मेलन के लिए दुनियाभर के नेता जुटे। इस दौरान ही भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारा प्रोजेक्ट की चर्चा शुरू हुई और इसमें ही कई देशों के प्रमुखों ने इस प्रोजेक्ट पर अपनी सहमति जताई थी।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: February 01, 2024 15:07 IST
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Image Source : INDIA TV भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट

नई दिल्ली: केंद्रीय बजट भाषण 2024 के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की कई योजनाओं से देश को मिले लाभों के बारे में जानकारी दी। इसी बीच उन्होंने भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप गलियारा प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट देश के लिए एक गेम चेंजर साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे दुनियाभर में भारत का दबदबा बढ़ा है। आइए जानते हैं कि क्या है यह प्रोजेक्ट, जिसका बजट भाषण के दौरान जिक्र किया गया।

सितंबर 2023 के दौरान देश की राजधानी दिल्ली में G20 सम्मेलन के लिए दुनियाभर के नेता जुटे। इस दौरान ही भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारा प्रोजेक्ट की चर्चा शुरू हुई और इसमें ही कई देशों के प्रमुखों ने इस प्रोजेक्ट पर अपनी सहमति जताई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत, यूएई, सऊदी अरब, EU, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका को शामिल करते हुए कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को लेकर सहयोग पर एक पहल होगी। 

क्या है यह प्रोजेक्ट और कौन-कौन इसमें शामिल?

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) परियोजना रेलमार्ग, शिप-टू-रेल नेटवर्क और सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगे जो दो गलियारों तक फैले होंगे। इसमें पूर्वी गलियारे में भारत से अरब के देश जुड़ेंगे। वहीं उत्तरी गलियारे में खाड़ी के देश यूरोप से जुड़ेंगे। इसके साथ ही IMEC गलियारे में एक विद्युत केबल, एक हाइड्रोजन पाइपलाइन और एक हाई-स्पीड डेटा केबल भी शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट में भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी शामिल हो रहे हैं।

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भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट

कौन-कौन से बंदरगाह इस प्रोजेक्ट में होंगे शामिल?

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट में दुनियाभर के कई बंदरगाह जोड़े जाएंगे। इसमें भारत के मुंद्रा पोर्ट (गुजरात) , कांडला पोर्ट (गुजरात) और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (नवी मुंबई) के पोर्ट होंगे। इसके अलावा मध्य पूर्व में संयुक्त अरब अमीरात में फुज़ैरा, ज़ेबेल अली और अबू धाबी के साथ-साथ सऊदी अरब में दम्मम तथा रास अल खैर बंदरगाह इस प्रोजेक्ट के अंदर आएंगे।   इसके साथ ही इजरायल का हाइफा बंदरगाह और यूरोप में ग्रीस का पीरियस बंदरगाह, दक्षिण इटली में मेसिना और फ्राँस में मार्सिले पोर्ट इस योजना में शामिल हैं। वहीं एक रेलवे लाइन फुज़ैरा बंदरगाह (UAE) को सऊदी अरब (घुवाईफात और हराद) तथा जॉर्डन के माध्यम से हाइफा बंदरगाह (इज़राइल) से जोड़ेगी।

क्यों शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट?

वैसे तो यह प्रोजेक्ट भारत, मध्य पूर्व और यूरोप को जोड़ने वाला एक व्यापक परिवहन नेटवर्क बनाना है, जिसमें रेल, सड़क तथा समुद्री मार्ग शामिल हैं। लेकिन वैश्विक राजनीति के लिहाज से देखें तो भारत का प्रयास है कि इस योजना से चीन के BRI प्रोजेक्ट को फेल किया जाए। माना जाता है कि इस योजना से चीन के बढ़ते आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव को संतुलित करने का कार्य कर सकता है। इसके साथ ही MEC ने पश्चिम के साथ भारत की ओवरलैंड कनेक्टिविटी पर अपने वीटो को तोड़ते हुए पाकिस्तान को दरकिनार कर दिया, जो अतीत में निरंतर एक बाधा बना हुआ था।

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