
कांग्रेस विधायक आई.सी. बालाकृष्णन को वायनाड जिला कांग्रेस कमिटी के पदाधिकारी एन.एम. विजयन को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में शनिवार को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस के अनुसार दो दिन की पूछताछ के बाद बालाकृष्णन की गिरफ्तारी दर्ज की गई, लेकिन अदालत द्वारा अग्रिम जमानत दिए जाने के कारण उन्हें रिहा कर दिया गया।
जांच के सिलसिले में किया गया था गिरफ्तार
इसके साथ ही मामले में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है और पूछताछ भी पूरी हो चुकी है। इससे पहले, वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) के अध्यक्ष एन.डी. अप्पाचन और डीसीसी के पूर्व कोषाध्यक्ष के.के. गोपीनाथन को मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में अग्रिम जमानत पर रिहा कर दिया गया।
विधायक के खिलाफ 9 जनवरी को दर्ज हुआ था मामला
कलपेट्टा की मुख्य सत्र अदालत ने बालाकृष्णन को इस शर्त पर अग्रिम जमानत दी थी कि उन्हें 23 जनवरी से तीन दिनों के लिए पूछताछ के वास्ते उपस्थित होना होगा। पुलिस ने बालाकृष्णन और तीन अन्य लोगों पर विजयन और उनके बेटे की मौत के सिलसिले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में नौ जनवरी को मामला दर्ज किया था।
माकपा ने कांग्रेस विधायक पर लगाया आरोप
वायनाड जिला कांग्रेस समिति (DCC) के कोषाध्यक्ष विजयन (78) और उनके 38 वर्षीय बेटे जिजेश के आत्महत्या का प्रयास करने के बाद 27 दिसंबर, 2024 को कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया। सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि बालाकृष्णन से जुड़े सहकारी बैंक नौकरी घोटाले के कारण दोनों को इतना अतिवादी कदम उठाना पड़ा।
भाषा के इनपुट के साथ