Friday, April 19, 2024
Advertisement

President Murmu: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मुर्मू ने देश को दिया संदेश, जानें संबोधन की बड़ी बातें

President Murmu: राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने 17 मिनट के संबोधन के दौरान कहा कि विश्व में चल रही आर्थिक कठिनाई के विपरीत, भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का श्रेय सरकार तथा नीति-निर्माताओं को जाता है। उन्होंने कहा कि देश का विकास ज्यादा समावेशी होता जा रहा है और क्षेत्रीय असमानताएं भी कम हो रही हैं।

Akash Mishra Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Updated on: August 15, 2022 6:06 IST
President Draupadi Murmu- India TV Hindi
Image Source : ANI President Draupadi Murmu

Highlights

  • इस मिट्टी में न केवल लोकतंत्र की जड़ें बढ़ीं, बल्कि समृद्ध भी हुईं: राष्ट्रपति मुर्मू
  • "देश का आर्थिक विकास और अधिक समावेशी होता जा रहा है"
  • "हमारे अस्तित्व की सार्थकता एक महान भारत के निर्माण में ही दिखाई देगी"

President Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि भारत ने दुनिया को लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता का पता लगाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि देश में आज संवेदनशीलता और करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है और इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के कल्याण के वास्ते काम करना है। मुर्मू ने 76वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कहा कि प्रमुख आर्थिक सुधारों के साथ अभिनव कल्याणकारी पहल की जा रही है। दुनिया ने ‘‘हाल के वर्षों में नए भारत को विकसित होते देखा है, विशेषकर कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद।’’ 

संदेह जताने वाले लोगों को गलत साबित किया

राष्ट्रपति ने कहा कि जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तो दुनिया के कई नेता और विशेषज्ञ थे, जिन्हें उस समय गरीबी और निरक्षरता के कारण भारत में सरकार के लोकतांत्रिक स्वरूप की सफलता के बारे में संदेह था। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीयों ने संदेह जताने वाले लोगों को गलत साबित किया। इस मिट्टी में न केवल लोकतंत्र की जड़ें बढ़ीं, बल्कि समृद्ध भी हुईं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है। इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए।’’ 

भारत ने शुरुआत से ही सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया

राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार आधुनिक भारत के निर्माताओं ने प्रत्येक वयस्क नागरिक को राष्ट्र-निर्माण की सामूहिक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कहा कि भारत को यह श्रेय जाता है कि उसने विश्व समुदाय को लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता से परिचित कराया। 

क्षेत्रीय असमानताएं भी हो रही कम 

राष्ट्रपति ने अपने 17 मिनट के संबोधन के दौरान कहा कि विश्व में चल रही आर्थिक कठिनाई के विपरीत, भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का श्रेय सरकार तथा नीति-निर्माताओं को जाता है। उन्होंने कहा कि देश का विकास ज्यादा समावेशी होता जा रहा है और क्षेत्रीय असमानताएं भी कम हो रही हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि इस महामारी का सामना करने में भारत की उपलब्धियां विश्व के अनेक विकसित देशों से अधिक रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रशंसनीय उपलब्धि के लिए हम अपने वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, नर्सों, पैरामेडिक्स और टीकाकरण से जुड़े कर्मचारियों के आभारी हैं। इस आपदा में कोरोना योद्धाओं द्वारा किया गया योगदान विशेष रूप से प्रशंसनीय है।’’ 

युवा ही करेंगे 2047 के भारत का निर्माण 

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘‘हमारे अस्तित्व की सार्थकता एक महान भारत के निर्माण में ही दिखाई देगी।’’ कन्नड़ भाषा के माध्यम से भारतीय साहित्य को समृद्ध करने वाले महान राष्ट्रवादी कवि ‘कुवेम्पु’ ने कहा है: ‘‘मैं नहीं रहूंगा, न रहोगे तुम, लेकिन हमारी अस्थियों पर उदित होगी, उदित होगी नए भारत की महागाथा।‌’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस महान कवि का यह स्पष्ट आह्वान है कि मातृभूमि तथा देशवासियों के उत्थान के लिए सर्वस्व बलिदान करना हमारा आदर्श होना चाहिए। इन आदर्शों को अपनाने के लिए मैं अपने देश के युवाओं से विशेष अनुरोध करती हूं। वे युवा ही 2047 के भारत का निर्माण करेंगे।’’ 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement