Friday, March 29, 2024
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Uttarakhand: केदारनाथ घाटी में फिर खिसका बर्फ का पहाड़, कहीं ये तूफान की आहट तो नहीं! Video

Uttarakhand: एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंदिर के पास बर्फ का पहाड़ खिसक रहा है। वीडियो में देखा जा रहा है कि बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया। बताया जा रहा है कि हिमखंड काफी बढ़ा था, जिससे बर्फ के धुएं का गुबार काफी दूर तक रहा।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: October 01, 2022 11:17 IST
The mountain of snow slipped again in the Kedarnath - India TV Hindi
Image Source : ANI The mountain of snow slipped again in the Kedarnath

Highlights

  • बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया
  • भूस्खलन के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर
  • 21 सितंबर को भी हुआ था भूस्खलन

Uttarakhand: उत्तराखंड में अक्सर भूस्खलन और हिमस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन राज्य की केदारनाथ घाटी में पिछले 10 दिनों में दो बार पहाड़ खिसकने की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं ने सभी को चिंता में डाल दिया है। ऐसी घ्तनों के बाद स्थानीय लोगों क वर्ष 2013 में आई आपदा का डर सता रहा है। 

उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में एक बार फिर से चोराबाड़ी से तीन किमी ऊपर बर्फ का पहाड़ खिसकने की घटना सामने आई है। आज सुबह 6 बजे हिमालय क्षेत्र में केदारनाथ मंदिर के पास हिमस्खलन होने की यह घटना हुई। ग्लेशियर से बर्फ का पहाड़ भरभरा कर गिर गया। राहत की बात ये है कि इस एवलांच यानी हिमस्खलन में केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ। 

बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया

एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंदिर के पास बर्फ का पहाड़ खिसक रहा है। वीडियो में देखा जा रहा है कि बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया। बताया जा रहा है कि हिमखंड काफी बढ़ा था, जिससे बर्फ के धुएं का गुबार काफी दूर तक रहा। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। केदारनाथ में सबकुछ सामान्य है। मंदिर सहित आसपास के क्षेत्र में सब ठीक है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर भी सामान्य है।

भूस्खलन के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर 

भूस्खलन के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। पुलिस-प्रशासन की ओर से संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही तीर्थ यात्रियों को एहतियात बरतने की भी सलाह दी जा रही है। आपको बता दें कि वर्ष 2013 में केदारघाटी में चोराबाड़ी झील के टूटने से मंदाकिनी नदी में बाढ़ आ गई थी। आपदा में हजारों श्रद्धालुओं की जान भी गई थी।

21 सितंबर को भी हुआ था भूस्खलन

वैसे, यह पहला मौका नहीं है, जब केदार घाटी में इस तरह का मंजर सामने आया हो। 21 सितंबर, 2022 को वहां हाईवे पर भूस्खलन हुआ था। अच्छी बात यह रही थी कि मलबे की चपेट में आसपास से गुजरने वाले वाहन नहीं आए थे। पर चारधामा यात्रा पर बारिश ने प्रभाव डाला था।

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