Sunday, April 28, 2024
Advertisement

अयोध्या और दक्षिण कोरिया का क्या है रिश्ता, क्यों मानते हैं इस देश को अपना ननिहाल? जानें सबकुछ

रामजन्मभूमि अयोध्या और दक्षिण कोरिया के बीच सदियों पुराना रिश्ता रहा है। अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना ने दक्षिण कोरिया के राजकुमार से विवाह किया था।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: January 30, 2024 18:12 IST
Ayodhya, South Korea- India TV Hindi
Image Source : PTI अयोध्या में रामलला और क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क की तस्वीर

अयोध्या (उप्र): 22 जनवरी को राम मंदिर में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से धार्मिक नगरी अयोध्या की सूरत बदली हुई नजर आ रही है। रोजाना लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए आ रही हैं। वहीं अयोध्या का बहुत पुराना और गहरा रिश्ता दक्षिण कोरिया से भी जोड़ा जाता है। कोरियाई किवदंतियों के मुताबिक करीब दो हजार साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना नौका से 4500 किलोमीटर का सफर तय करके कोरिया पहुंची थीं और वहां गया (कोरिया) साम्राज्य की स्थापना करने वाले राजा किम सूरो के साथ विवाह किया था। इसके बाद वह राजकुमारी रानी हेओ ह्वांग ओक के नाम से प्रसिद्ध हुई थीं। भारत में इस किवदंती से शायद ही कोई वाकिफ हो और न ही इस तथ्य से कि दक्षिण कोरिया में खुद को सूरीरत्ना का वंशज मानने वाले करीब 60 लाख लोग अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं। अयोध्या में क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क भी बनाया गया है जो बेहद खास है।

2001 में हुई क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क की स्थापना

स्वाभाविक है कि दक्षिण कोरिया में भी अनेक लोगों ने 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को बेहद उत्सुकता से आनलाइन माध्यमों से देखा और अब वे नवनिर्मित राम मंदिर को करीब से देखने के लिये अयोध्या आने का और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। ‘कारक’ समुदाय के अनेक सदस्य हर साल यहां ‘क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क’ में रानी हेओ ह्वांग ओक को श्रद्धांजलि देने के लिये उनके स्मारक पर आते हैं। इस स्मारक को 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार और दक्षिण कोरिया सरकार के परस्पर सहयोग से सरयू नदी के किनारे स्थापित किया गया था।

अयोध्या को हम नानी घर के तौर पर देखते हैं:किम चुल-सु

‘सेंट्रल कारक क्लैन सोसाइटी’ के महासचिव किम चिल-सु ने कहा, "अयोध्या हमारे लिए बहुत खास है क्योंकि हम इसे अपनी नानी के घर के रूप में देखते हैं।" किम भी 22 जनवरी को ‘क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क’ से कुछ किलोमीटर दूर मंदिर में राम लला की नई मूर्ति के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल हुए थे। यहां ‘क्वीन हेओ मेमोरियल पार्क’ 2,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। इस पार्क में एक ध्यान कक्ष, रानी और राजा को समर्पित मंडप, रास्ते, एक फव्वारा, भित्ति चित्र और ऑडियो-वीडियो सुविधाएं उपलब्ध हैं। मंडप विशिष्ट कोरियाई शैली में टाइल वाली ढलान वाली छत के साथ बनाया गया है। 

अगले अयोध्या पहुंचेगा द. कोरियाई दल

अगले महीने अपने देश के 22 अन्य लोगों के साथ अयोध्या आने की योजना बना रहे यू जिन ली ने दक्षिण कोरिया से फोन पर बातचीत में कहा, "हम स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हर साल अयोध्या जाते हैं और इस बार हम नए राम मंदिर में भी जाने की योजना बना रहे हैं। हमने समारोह को ऑनलाइन देखा और यह गजब का अनुभव था। मैं पुराने अस्थायी मंदिर में नहीं गया हूं लेकिन इस मामले से जुड़े विवाद के बारे में मैंने पढ़ा है।’’ प्राचीन कोरियाई ग्रंथ, "सैमगुक युसा" के अनुसार, रानी हीओ ह्वांग-ओक को गिम्हे हेओ परिवारों की पूर्वज माता के रूप में माना जाता है। इस ग्रंथ में कहा गया है कि रानी 48 ईस्वी में "अयुता" से कोरिया आई थीं। वह अभी भी कारक कबीले के गिम्हे हेओ परिवारों की पूर्वज मां के रूप में पूजनीय हैं। 

दक्षिण कोरियाई दूतावास ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में 22 जनवरी को राम मंदिर में हुए अभिषेक समारोह के लिए भारत को बधाई दी थी। इस संदेश में कहा गया था, "यह स्थान 48 ईस्वी में अयोध्या और गया (कोरिया) के राजा किम सुरो और रानी श्रीरत्ना (हेओ ह्वांग-ओक) के बीच वैवाहिक संबंध के आधार पर कोरिया-भारत संबंधों के लिए एक बड़ा प्रतीकात्मक महत्व रखता है।" वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति मून जे-इन ने स्मारक के विस्तार के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। (भाषा)

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement