Sunday, April 28, 2024
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'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' कानून बना, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी

महिला आरक्षण बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही भारत सरकार की ओर से इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। अब यह बिल कानून में तब्दील हो गया है।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: September 29, 2023 23:40 IST
राष्ट्रपति द्रौपदी...- India TV Hindi
Image Source : फाइल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

नई दिल्ली : महिला आरक्षण बिल ( नारी शक्ति वंदन अधिनियम ) ने अब कानून का शक्ल ले लिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद भारत सरकार ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी देते हुए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे पहले यह बिल संसद के दोनों सदनों से भारी बहुमत से पास हुआ था। इसके बाद इसे कानून में बदलने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलते ही गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया। अब यह कानून का रूप ले चुका है। 

महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान

18 से 21 सितंबर तक चले संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। इस पर दोनों सदनों में लंबी चर्चा चली। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। राज्यसभा में करीब 10 घंटे की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया गया। विधेयक के पक्ष में 214 सदस्यों ने मतदान किया जबकि इसके विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा। 

15 साल के लिए महिलाओं को मिलेगा आरक्षण

इस कानून के तहत फिलहाल 15 साल के लिए महिला आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। संसद में चली चर्चा के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने इस विधेयक को देश की नारी शक्ति को नयी ऊर्जा देने वाला करार देते हुए कहा था कि इससे महिलाएं राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए नेतृत्व के साथ आगे आएंगी। उन्होंने इस विधेयक का समर्थन करने के लिए सभी सदस्यों का ‘हृदय से अभिनंदन और हृदय से आभार व्यक्त’ किया था। पीएम मोदी ने कहाकि यह जो भावना पैदा हुई है यह देश के जन जन में एक आत्मविश्वास पैदा करेगी। उन्होंने कहा कि सभी सांसदों एवं सभी दलों ने एक बहुत बड़ी भूमिका निभायी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति को सम्मान एक विधेयक पारित होने से मिल रहा है, ऐसी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच, देश की नारी शक्ति को एक नयी ऊर्जा देने वाला है।

कानून एवं विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए पेश पेश करते हुए कहा था कि यह विधेयक महिला सशक्तिकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) से बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही यह विधेयक पारित होगा तो फिर परिसीमन का काम निर्वाचन आयोग करेगा।

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