Friday, March 29, 2024
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दलदल में फंसा दलबदल विरोधी कानून, चुनाव लड़ने पर 6 साल की लगे रोक - दिग्विजय सिंह

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और गोवा दलबदल की आंच से झुलसने वाले राज्य हैं जो हमारे सामने दलबदल मामले के सबसे ज्वलंत उदाहरण हैं। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 28, 2020 17:50 IST
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Image Source : PTI MP में विधायकों के लगातार पाला बदलने पर फूटा दिग्गी राजा का दर्द

भोपाल. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायक लगातार पार्टी का साथ छोड़ते चले जा रहे हैं। इन हालातों में राज्य के 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। दिग्विजय सिंह ने पत्र लिख कहा है कि दलीय निष्ठा लोकतंत्र की स्वस्थ परम्परा का हिस्सा रही है, अभी कुछ सालों से राजनैतिक शुचिता खंड-खंड हो रही है। धन व कुर्सी के प्रलोभन में आकर विधायक-सांसद जिस तरह इस्तीफा देकर या दल के टुकड़े करते हुए दलबदल कर रहे हैं। यह स्वस्थ लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है। 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जिस जनता के सर्वोच्च होने की दुहाई दी जाती है, दलबदल से सबसे ज्यादा कष्ट उसी जनता को हो रहा है। जिस जनप्रतिनिधि को जनता जनार्दन विधानसभा या लोकसभा भेज रही है वह निहित स्वार्थों की पूर्ती के लिए दल बदलकर जनता के मत का निरादर कर रहा है। दिग्विजय ने कहा कि आज राजनैतिक स्वार्थों और सत्ता की भूख से ऊपर उठकर आज इस मामले में विचार किये जाने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और गोवा दलबदल की आंच से झुलसने वाले राज्य हैं जो हमारे सामने दलबदल मामले के सबसे ज्वलंत उदाहरण हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि दल बदल के मामलों में सख्त क़ानून बनाया जाकर ऐसे दलबदलू जन प्रतिनिधियों को छह साल के लिए किसी भी तरह के चुनाव लड़ने में रोक लगाना चाहिए। 

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