Thursday, May 09, 2024
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GST के लिए पहली पहल 17 साल पहले वाजपेयी सरकार ने की थी, कांग्रेस ने नहीं: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (GST) के लिए पहली पहल 17 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने की थी, कांग्रेस ने नहीं। उन्होंने यहां नई कर व्यवस्था पर एक जनसभा में कहा कि वाजेपयी सरकार ने कार्यबल गठित किया था जिसने 2003 में अपनी

Bhasha Bhasha
Updated on: July 06, 2017 21:47 IST
arun jaitley- India TV Hindi
arun jaitley

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (GST) के लिए पहली पहल 17 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने की थी, कांग्रेस ने नहीं। उन्होंने यहां नई कर व्यवस्था पर एक जनसभा में कहा कि वाजेपयी सरकार ने कार्यबल गठित किया था जिसने 2003 में अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें कहा गया था कि केंद्रीय और राज्य शुल्कों को मिलाया जाना चाहिए या फिर इनका जीएसटी में एकीकरण होना चाहिए।

जेटली ने कहा कि 2004 में सरकार बदल गई। सत्ता में आई कांग्रेस इस रिपोर्ट के गुणदोष ढूंढने लगी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2006 में जीएसटी की बात की और इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को लागू करने की समयसीमा 2010 तय की। लेकिन वह इसे लागू नहीं कर पाए। वर्ष 2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी लाने के लिए संविधान संशोधन पेश किया।

उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार इस बारे में सभी राज्यों के बीच सहमति नहीं बना पाई। वे विनिर्माण वाले राज्यों को होने वाले नुकसान के लिए मुआवजे के मुद्दे को सुलझा नहीं पाए। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दिन से ही भारत को आर्थिक रूप से एकीकृत करने को लेकर स्पष्ट थे। उन्होंने न केवल मुआवजे का फॉर्मूला तैयार किया बल्कि सभी 29 राज्यों और छह संघ शासित प्रदेशों के बीच इस नए कर को लेकर सहमति भी बनाई।

देश में 29 राज्य और सात संघ शासित प्रदेश हैं। लेकिन वित्त मंत्री ने चंडीगढ़ को इसमें शामिल नहीं किया है क्योंकि उसके साथ अलग से विचार विमर्श नहीं किया गया। इसकी वजह यह है कि यह पंजाब और हरियाणा का हिस्सा है।

जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने न केवल इस विधेयक को संसद में पारित कराया बल्कि सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में इस कानून को पारित किया गया। जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने कल इसे पारित किया है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि जीएसटी पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में नहीं थी, लेकिन अंतिम समय में वे इसको लेकर बात करने लगे क्योंकि वे बात को लेकर आशान्वित नहीं थे कि नई कर व्यवस्था बेहतर तरीके से आगे बढ़ पाएगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने राष्ट्र का आर्थिक इकाई के रूप में एकीकरण किया है। राज्यों और केंद्र के एक दर्जन से अधिक शुल्कों को एक कर एक दर में बदला गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस नई कर व्यवस्था से अर्थव्यवस्था और कारोबार को काफी फायदा होगा।

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