Friday, April 19, 2024
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संसद सत्र मानसून सत्र 14 सितम्बर से शुरू होगा: लोकसभा सचिवालय

कोरोना संकट के कारण टलता रहा संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होगा। यह जानकारी लोकसभा सचिवालय ने दिया है। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक इस दौरान दोनों सदनों में कोरोना वायरस महामारी के कारण काफी सावधानियां बरती जाएंगी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 07, 2020 14:36 IST
Monsoon Session of Parliament from Sept 14 to Oct 1: Lok Sabha Secretariat- India TV Hindi
Image Source : PTI Monsoon Session of Parliament from Sept 14 to Oct 1: Lok Sabha Secretariat

नयी दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होगा। सोमवार को जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 14 सितंबर को सुबह नौ बजे निचले सदन की बैठक आहूत की है। वहीं, राज्यसभा की बैठक भी उसी दिन अलग समय पर बुलायी जाएगी। एक अलग संदेश में राज्यसभा सचिवालय ने भी बताया कि राष्ट्रपति ने उच्च सदन की बैठक 14 सितंबर को ही आहूत की है। कोविड-19 दिशा-निर्देशों के तहत दोनों सदन की अलग-अलग बैठक करने का फैसला किया गया है। 

अधिकारियों के मुताबिक, संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मानसून सत्र 14 सितंबर से एक अक्तूबर तक आयोजित करने की सिफारिश की थी। यहां बिना किसी अवकाश अथवा सप्ताहांत की छुट्टी के लगातार कुल 18 बैठकें होंगी। अधिकारियों ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस बार आयोजित होने वाले सत्र के लिए कई तैयारियां पहली बार की जा रही हैं जैसे कि सभी सासंदों की जांच की जाएगी और सामाजिक दूरी के नियमों के अनुपालन में लोकसभा और राज्य सभा की बैठकें अलग-अलग होंगी ताकि सभी चैंबरों एवं गैलरी का उपयोग सदस्यों के बैठने के लिए किया जा सके।

आम तौर पर दोनों सदनों में एक साथ बैठकें होती हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस बार असाधारण परिस्थिति के कारण एक सदन सुबह के समय बैठेगा और दूसरे की कार्यवाही शाम को होगी। भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार इस तरह की व्यवस्था होगी जहां 60 सदस्य सदन कक्ष में बैठेंगे और 51 सदस्य राज्यसभा की दीर्घाओं में बैठेंगे। इसके अलावा बाकी 132 सदस्य लोकसभा के सदन कक्ष में बैठेंगे। संसद के इतिहास में 1952 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब इस तरह की व्यवस्था की जाएंगी। 

लोकसभा सचिवालय भी सदस्यों के बैठने के लिए इसी तरह की व्यवस्था कर रहा है। दीर्घाओं से भागीदारी के लिए पहली बार बड़े डिस्प्ले वाली स्क्रीन और कंसोल लगाए जाएंगे। दोनों सदनों के बीच विशेष तार बिछाए जाएंगे और कुर्सियों के बीच पॉलीकार्बोनेट शीट की व्यवस्था होगी। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने 17 जुलाई को बैठक कर सत्र चलाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श करने के बाद दोनों सदनों के चैंबरों और दीर्घाओं का इस्तेमाल करने का फैसला किया। 

नायडू ने अधिकारियों को अगस्त के तीसरे सप्ताह तक सत्र के लिए तैयारियां पूरी कर लेने का निर्देश दिया था, ताकि इस व्यवस्था का मुआयना हो जाए और इसे अंतिम रूप दिया जा सके। राज्यसभा सचिवालय भी इस काम के लिए पिछले दो सप्ताह से लगातार काम कर रहा है। महामारी के कारण संसद के बजट सत्र की अवधि में कटौती कर दी गयी थी और 23 मार्च को दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। परंपरा के तहत दो सत्रों के बीच छह महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए।

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