नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र को करीब 550 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का उपहार देते हुए यहां मंगलवार को कहा कि काशी को ‘‘पूर्वी भारत का गेटवे’’ के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है और यहां विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करने पर उनका जोर है। मोदी ने कहा, ‘‘मैंने चार साल में क्या काम किया, इसकी थोड़ी सी झलक दिखाई है और मैं आपको इसका हिसाब दे रहा हूं।’’
वाराणसी में 557 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 557 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। उन्होंने 'हर हर महादेव' से अपने भाषण की शुरूआत करते हुये कहा, ‘‘मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं एक और वर्ष की शुरुआत बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद से कर रहा हूं। अब काशी में बदलाव दिख रहा है, पहले काशी को बाबा भोले के भरोसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया था। आज मुझे बहुत संतोष है कि हम बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काशी के विकास को नई दिशा देने में कामयाब हुए हैं।''
हमारा वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर जोर
मोदी ने कहा कि जब मैं यहां आता था तो बिजली के लटकते तारों को देखकर हमेशा यह सोचता था कि काशी को इससे कब मुक्ति मिलेगी। आज काशी के अधिकतर हिस्से से ये तार हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज काशी एलईडी की रोशनी से जगमगा रही है। एलईडी बल्ब से काशीवासियों के बिजली बिल में भी कमी आई है। काशी में हमारा वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर जोर है।
रिंग रोड बनाने की योजना पर बहुत तेजी से काम हो रहा
मोदी ने कहा कि यहां रिंग रोड बनाने की योजना पर बहुत तेजी से काम हो रहा है, जिसकी फाइल पिछली प्रदेश सरकार ने दबा कर रखी थी। इसके निर्माण से काशी ही नहीं, आसापास के जिलों को भी फायदा होगा। यहां का विकास होने से बिहार और नेपाल आदि जाने वाले लोगों को भी सहूलियत होगी।
स्मार्ट बनारस में स्मार्ट ट्रांसपोर्ट पर जोर दिया जा रहा है
प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में बीएचयू के कार्यक्रम में अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि सड़कों को चौड़ा करने के साथ ही शहर में पुल का निर्माण भी किया गया है। हवाई जहाज से बनारस आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्मार्ट बनारस में स्मार्ट ट्रांसपोर्ट पर जोर दिया जा रहा है। काशी में ट्रैफिक व्यवस्था को समन्वित किया जा रहा है। काशी में सड़क और रेल के बाद जल परिवहन का नेटवर्क बढ़ाया जाएगा।