मुंबई: भारतीय जनता पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की सरकार पर करारा वार किया है। फडणवीस ने नवगठित ठाकरे सरकार पर शुक्रवार को निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में उसने किसानों को राहत देने पर चर्चा करने के बजाय बहुमत साबित करने पर चर्चा करना जरूरी समझा। उन्होंने कहा अगर बहुमत नहीं था तो दावा क्यों किया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता जानना चाहती है कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का ‘महाराष्ट्र विकास आघाड़ी’ गठबंधन विधानसभा में बहुमत होने का दावा करने के बाद अब ‘डरा’ हुआ क्यों है।
फडणवीस ने पूछा कि अगर उनके पास पर्याप्त आंकड़े हैं तो उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर विधानसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष को बदलने की कोशिश क्यों की। खुद के विधायकों पर इतना अविश्वास क्यों? अभी भारतीय जनता पार्टी विधायक कालीदास कोलांबकर कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के कुछ घंटों बाद रात में मंत्रिमंडल की पहली बैठक ली थी। फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘नई सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में परेशान किसानों की मदद कैसे की जाए इस पर विचार करने के बजाय बहुमत कैसे साबित करें इस पर चर्चा की। तो फिर आंकड़े होने का दावा ही क्यों किया था?’
उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के पास यदि बहुमत है तो इसे साबित करने के लिए वह गुपचुप तरीके से विधानसभा सत्र बुलाने की कोशिश क्यों कर रही है। फडणवीस ने आरोप लगाया कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार को अपने विधायकों पर भरोसा ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि विधायकों को अब भी ‘बंधक’ बनाकर रखा हुआ है। गठबंधन सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि 288 सदस्यीय विधानसभा में उसके पास बहुमत के लिए आवश्यक 145 से अधिक विधायकों का समर्थन है। (भाषा)