Tuesday, April 23, 2024
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Mallikarjun Kharge: "यदि हम भारत के प्रति खतरों को लेकर सतर्क नहीं हुए तो अपनी आजादी खो देंगे"

Mallikarjun Kharge: मल्लिकार्जुन खड़गे ने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि जब भी आवश्यकता हो, संविधान, प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहें।

Pankaj Yadav Edited By: Pankaj Yadav
Published on: August 14, 2022 23:44 IST
Mallikarjun Kharge- India TV Hindi
Mallikarjun Kharge

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि अगर हम अपने देश और समाज के प्रति खतरों को लेकर सतर्क नहीं रहे तो कड़ी मेहनत से पाई गई आजादी, राजनीतिक और सामाजिक आजादी के साथ-साथ नागरिकों के अधिकार भी खत्म हो सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, उन्होंने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि जब भी आवश्यकता हो, संविधान, प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहें। खड़गे ने कहा कि बचपन से ही उन्होंने कभी किसी स्वतंत्रता दिवस समारोह का हिस्सा बनने का मौका नहीं छोड़ा। इस बार वह कोविड-19 से संक्रमित हैं और पृथकवास में हैं। 

आजादी के 75 साल बाद भी मैं उस रोमांच को महसूस कर सकता हूं -मल्लिकार्जुन खड़गे

स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘पिछले 50 वर्षों में, मैं स्वतंत्रता दिवस के सरकारी समारोहों का हिस्सा रहा हूं। यह बहुत दुख की बात है कि यह पहला मौका है जब मैं स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगा। भले मैं शारीरिक रूप से सक्षम नहीं हूं, लेकिन इसके बावजूद इस अवसर पर मैं पूरे देश में होने वाले समारोहों से भावनाओं एवं गर्व के साथ (परोक्ष रूप से) जुड़ा रहूंगा।’’ राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि भारत 15 अगस्त, 2022 को अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, यह वास्तव में प्रत्येक भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा, ‘‘75 वर्षों के बाद भी, मैं अब भी अपनी रगों में महसूस कर सकता हूं और उस अपार रोमांच और गर्व का अनुभव कर सकता हूं जो हम सभी के दिलों में तब उमड़ा होगा, जब भारत ने 15 अगस्त, 1947 की आधी रात को आजादी हासिल की होगी।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वतंत्रता कई महान नेताओं के नेतृत्व में करोड़ों स्वतंत्रता सेनानियों के लंबे और कठिन संघर्ष के कारण संभव हुई थी। यह उनका बलिदान, उनका खून, पसीना ही है और उनके आंसू ही हैं जिसने एक आधुनिक और स्वतंत्र भारत की नींव रखी है।’’ खड़गे ने भारतीय लोकतंत्र और संविधान की ताकत को इस बात का श्रेय दिया कि समाज के उत्पीड़ित वर्ग से संबंध रखने वाले उनके जैसे व्यक्ति को भी पांच दशकों तक एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है।

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