Tuesday, May 14, 2024
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Uttarakhand News : यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा उत्तराखंड

Uttarakhand News : मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी गई।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar
Updated on: September 09, 2022 15:54 IST
Pushkar Singh Dhami, CM, Uttarakhand- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Pushkar Singh Dhami, CM, Uttarakhand

Highlights

  • आजादी के अमृत काल में समान नागरिक संहिता एक बङी इबारत होगी: धामी
  • प्रदेश में बनाई जा रही समान नागरिक संहिता अन्य राज्यों के लिए भी होगी अनुकरणीय: धामी
  • सुझाव के लिए विशेषज्ञ समिति ने पोर्टल लांच किया

Uttarakhand News : उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ गया है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता हेतु सुझावों के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इसके लिए अब एक पोर्टल लांच किया गया है, जिसमें जनता भी अपने सुझाव दे सकती है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञ समिति प्रबुद्धजनो के साथ आम जन से सुझाव प्राप्त कर प्रदेश की जनता के लिये हितकारी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी। यह दूसरे प्रदेशों के लिये भी अनुकरणीय होगा।

जनता भी दे सकती है सुझाव

वहीं अब उत्तराखंड के लोग भी समान नागरिक संहिता के लिए अपने सुझाव दे सकेंगे। विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (से.नि.) रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि समान नागरिक संहिता के संबंध मे सुझाव प्राप्त करने के लिये  पोर्टल/वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्तूबर तक भेज सकते हैं। समिति हर सुझाव पर  पूरी गम्भीरता से विचार करेगी।

अमृतकाल में लिखेंगे बड़ी इबारत- धामी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपने सुझाव देने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है। देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए। प्रदेश के सभी नागरिकों और हितधारकों को एसएमएस और व्हाट्सएप पर पोर्टल के लिंक के साथ अपील भेजी जा रही है। जिसके माध्यम से वे अपने सुझाव एक माह के अंदर दे सकते हैं।

विधानसभा चुनाव से पहले किया था वादा

आपको बता दें कि उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मुख्यमंत्री धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। ये विशेषज्ञ समिति उत्तराखण्ड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रासंगिक कानूनों - विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव व संरक्षता विषयक सहित - पर मसौदा कानून तैयार करने या मौजूदा कानून में संशोधन करने तथा समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। समिति की अनेक बैठकें हो चुकी हैं जिनमे व्यापक विचार विमर्श किया गया है।

विरोध में असदुद्दीन औवेसी

AIMIM चीफ असदउद्दीन ओवैसी ने कहा समान नागरिक संहिता की इस देश में कोई जरूरत नहीं है। देश के लॉ कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुल्क में समान नागरिक संहिता को लागू करने की कोई जरूरत नहीं है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि पूरे देश में नफरत का माहौल खड़ा किया जा रहा है। जहां- जहां बीजेपी की सरकारें है, वहां रुल ऑफ लॉ नहीं है बल्कि रुल ऑफ बुलडोजर है।

रिपोर्ट-दीपक तिवारी

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