Friday, April 19, 2024
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रोने लगे बुजुर्ग तो छात्रा ने उनसे खरीदी सारी चप्पलें, नंगे पैर आ रहे प्रवासी मजदूरों में बांटी

लॉकडाउन के चलते पैदल घरों को लौट रहे मजदूरों की विचलित करने वाली तस्वीरें लगातार सामने आने के बाद जिले की एक छात्रा ने निस्वार्थ भाव से मदद कर कई जरूरतमंदों का काम बनाने की मिसाल पेश की...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 17, 2020 17:11 IST
Migrants- India TV Hindi
Image Source : PTI Migrants

बहराइच (उप्र): लॉकडाउन के चलते पैदल घरों को लौट रहे मजदूरों की विचलित करने वाली तस्वीरें लगातार सामने आने के बाद जिले की एक छात्रा ने निस्वार्थ भाव से मदद कर कई जरूरतमंदों का काम बनाने की मिसाल पेश की और चप्पलें न बिकने से मायूस एक गरीब बुजुर्ग से सारी चप्पलें खरीदकर नंगे पैर आ रहे प्रवासी मजदूरों को मुफ़्त में दी।

बहराइच शहर के छावनी इलाके के कपड़ा व्यवसायी ज्योति मोदी की बेटी एवं लखनऊ के एक संस्थान से मेक-अप आर्टिस्ट का कोर्स कर रही यश्वी लॉकडाउन के चलते इन दिनों बहराइच में अपने माता-पिता के साथ रह रही है। क्षेत्र में इन दिनों बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर आ रहे हैं। इनमें से तमाम पैदल भी आ रहे हैं। अक्सर इन मजदूरों की चप्पलें घिस या टूट जा रही हैं। उन्हें या तो चप्पलें खरीदनी पड़ती हैं अथवा पैसों के अभाव में नंगे पैर ही चलना पड़ रहा है।

छात्रा ने अपने घर के नीचे फेरी लगाकर चप्पल बेचने की कोशिश कर रहे बुजुर्ग को तबियत खराब होने के बाद रोते देखा। उसने फेरी वाले को भोजन और पानी दिया और डॉक्टर से पूछकर दवा दिलाई। साथ ही फेरी वाले की सारी चप्पलें खरीद लीं। उसे चिंता थी कि इन चप्पलों का किया क्या जाए तब छात्रा ने एक स्थानीय समाजसेवी संदीप मित्तल से सम्पर्क साधा और उनकी मदद से उन चप्पलों को बाहर से आ रहे उन प्रवासी मजदूरों में मुफ्त में बांट दिया जिनकी चप्पलें टूट या घिस गईं थी। इस तरह से एक पंथ दो काज की कहावत को चरितार्थ कर उसने नेकदिली की मिसाल भी पेश की।

यश्वी ने बताया कि वह पिछ्ले कुछ दिनों से अपने घर की खिड़की से, टीवी और इंटरनेट खबरों में बहुत से प्रवासी मजदूरों को जख्मी नंगे पैर देखती थीं तो उनके मन में ये सवाल उठता था कि इन्हें कोई पानी, कोई बिस्कुट और खाना तो खिला दे रहा है लेकिन कोई इन्हें चप्पलें क्यों नहीं दे रहा। उसने बताया कि लॉकडाउन में वह बाहर नहीं निकल पा रही थी लेकिन थोड़ी ढील मिलते ही उसने मन में ठानी बात को पूरा किया। यश्वी ने कहा कि वह आगे भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर पैसे इकट्ठा करेगी और निरंतर प्रवासी मजदूरों को चप्पलें मुहैया कराएगी।

जिलाधिकारी शंभू कुमार ने यश्वी के इस कार्य की चर्चा सुनकर छात्रा के इस काम की तारीफ की और कहा कि "आपदा के इस गंभीर संकट में जिस तरह बहराइच के बच्चे और अन्य समाजसेवी कोरोना से लड़ने में सहयोग कर रहे हैं, इससे प्रशासन को जरूरतमंदों की मदद में सहयोग तो मिल ही रहा है, साथ ही प्रशासन से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के काम करने का जज्बा भी बढ़ रहा है।''

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