Thursday, May 02, 2024
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अयोध्या मस्जिद की नींव गणतंत्र दिवस के दिन रखी जाएगी, इस सप्ताह सामने आएगा खाका

बाबरी मस्जिद के स्थान पर बनने वाली मस्जिद का खाका इस शनिवार को सामने रखा जाएगा और इसके लिए यहां आवंटित पांच एकड़ जमीन पर इसकी आधारशिला गणतंत्र दिवस पर रखी जाएगी।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: December 17, 2020 12:28 IST
अयोध्या मस्जिद की...- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE अयोध्या मस्जिद की नींव गणतंत्र दिवस के दिन रखी जाएगी, इस सप्ताह सामने आएगा खाका

अयोध्या (उत्तरप्रदेश): बाबरी मस्जिद के स्थान पर बनने वाली मस्जिद का खाका इस शनिवार को सामने रखा जाएगा और इसके लिए यहां आवंटित पांच एकड़ जमीन पर इसकी आधारशिला गणतंत्र दिवस पर रखी जाएगी। ट्रस्ट ने फ़ैसला किया है कि 26 जनवरी या 15 अगस्त की तारीख़ पर मस्ज़िद बनाने की नींव रखी जाए। मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट के एक सदस्य ने इस बारे में बताया। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के सचिव अतहर हुसैन ने बताया, ‘‘ट्रस्ट ने 26 जनवरी 2021 या 15 अगस्त 2021 को अयोध्या मस्जिद की आधारशिला रखने का फैसला किया है क्योंकि सात दशक पहले इसी दिन हमारा संविधान अस्तित्व में आया था। हमारा संविधान बहुलवाद पर आधारित है जो कि हमारी मस्जिद परियोजना का मूलमंत्र है।’’ मस्जिद का नाम तय किया जा चुका है। मस्जिद का नाम धन्नीपुर मस्जिद रखा गया है और इसमें कहीं भी बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं होगा।

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण के लिए 6 महीने पहले आईआईसीएफ का गठन किया था। परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एस एम अख्तर ने इसे अंतिम रूप दे दिया है जिसके बाद आईआईसीएफ ने 19 दिसंबर को मस्जिद परिसर का खाका सार्वजनिक करने का फैसला किया है। इस परिसर में एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय होगा। अख्तर ने बताया, ‘‘मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा।’’

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मुहैया कराने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने अयोध्या की सोहावाल तहसील के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन आवंटित की थी। अख्तर ने कहा, ‘‘नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा। परिसर के मध्य में अस्पताल होगा। पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अस्पताल महज कंक्रीट का ढांचा नहीं होगा बल्कि मस्जिद की वास्तुकला के अनुरूप इसे तैयार किया जाएगा। इसमें 300 बेड की स्पेशलिटी इकाई होगी जहां डॉक्टर बीमार लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि मस्जिद का निर्माण इस तरह से होगा कि इसमें सौर ऊर्जा के निर्माण की भी व्यवस्था की जाएगी। हुसैन ने कहा, ‘‘जब हम धन्नीपुर में अस्पताल परियोजना के बारे में बात करते हैं तो एक चीज निश्चित है कि यह मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल होगा।’’ सामुदायिक रसोई में आसपास के गरीबों के लिए दिन में दो बार भोजन परोसा जाएगा।’’

आईआईसीएफ के सचिव ने कहा, ‘‘अस्पताल के लिए हम कॉरपोरेट घरानों से भी मदद की उम्मीद कर रहे हैं। दान के संबंध में मंजूरी मिलने पर कई लोग सहायता करना चाहेंगे। हम विदेशी अंशदान विनियमन कानून (एफसीआरए) के तहत आवेदन करेंगे और विदेशों में भारतीय मूल के मुस्लिमों से धनराशि की मदद देने का अनुरोध करेंगे।’’ ‘कार सेवकों’ ने 1992 में दिसंबर में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। उनका दावा था कि अयोध्या में मस्जिद को प्राचीन राम मंदिर के स्थान पर बनाया गया था।

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